सार

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद दिल्ली से मुंबई पहुंचे कांग्रेस के प्रतिनिधित्व मंडल और एनसीपी नेताओं के बीच बैठक हुई। बैठक के बाद दोनों पार्टियों ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

मुंबई. महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद दिल्ली से मुंबई पहुंचे कांग्रेस के प्रतिनिधित्व मंडल और एनसीपी नेताओं के बीच बैठक हुई। बैठक के बाद दोनों पार्टियों ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा कि हम जल्दी में नहीं हैं। पहले कांग्रेस के साथ चर्चा होगी, इसके बाद ही शिवसेना को गठबंधन देने पर फैसला  होगा।

कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि हम अपने सहयोगियों के साथ चर्चा करेंगे, फिर हम शिवसेना के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद कोई फैसला लिया जाएगा। 

शिवसेना ने 11 नवंबर को पहली बार समर्थन मांगा- प्रफुल्ल पटेल 
एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ''शिवसेना ने पहली बार 11 नवंबर को अधिकृत रूप से कांग्रेस-एनसीपी से समर्थन मांगा था। फैसले से पहले सभी पहलुओं पर चर्चा होगी। आम सहमति बनने के बाद आगे की नीति तय की जाएगी।'' उन्होंने कहा कि इतना अहम निर्णय लेने से पहले सभी बिंदुओं पर स्पष्टीकरण जरूरी है। इस संदर्भ में आम सहमति बनाने के बाद आगे की नीति तय की जाएगी। 

राष्ट्रपति शासन का किया विरोध 
अहमद पटेल ने कहा, राष्ट्रपति शासन की जरूरत नहीं थी। संविधान का मजाक उड़ाया गया। भाजपा, शिवसेना और एनसीपी को न्योता मिला लेकिन कांग्रेस को न्योता नहीं मिला। ये गलत बात है। उन्होंने कहा कि एनसीपी कांग्रेस की बात हुई है। आपसी बातचीत के बिना हम किसी फैसले पर नहीं पहुंच सकते। 

नतीजों के 18 दिन बाद लगा राष्ट्रपति शासन  
इससे पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह लागू हो गया। इससे पहले राज्यपाल ने एनसीपी को सरकार बनाने का दावा करने के लिए 24 घंटे का वक्त दिया था। एनसीपी ने और वक्त मांगा। राज्यपाल ने इसे नामंजूर करते हुए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की।