सार

1800 से अधिक गैर सरकारी संगठनों और शिक्षण संस्थानों का एफसीआरए पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। यह कार्यवाही कानून का उल्लंघन करने के कारण गृह मंत्रालय द्वारा किया गया है। इसके साथ ही सभी संस्थानों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। 

नई दिल्ली. इस साल कानून का उल्लंघन करते पाए गए 1,800 से अधिक गैर सरकारी संगठनों और शिक्षण संस्थानों का एफसीआरए पंजीकरण रद्द कर दिया गया है तथा उनके विदेशी धन प्राप्त करने पर रोक लगा दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। विदेशी योगदान कानून (एफसीआरए) के तहत जिन संस्थानों और संगठनों का पंजीकरण रद्द किया गया है, उनमें राजस्थान विश्वविद्यालय, इलाहाबाद कृषि संस्थान, यंग मेन्स क्रिश्चियन एसोसिएशन, गुजरात और स्वामी विवेकानंद एजुकेशनल सोसाइटी, कर्नाटक भी शामिल हैं।

विदेशी धन प्राप्त करने पर रोक 

मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘एफसीआरए पंजीकरण को रद्द किए जाने के साथ ही इन सभी एनजीओ और शिक्षण संस्थानों के विदेशी धन प्राप्त करने पर रोक लगा दी गई है।’’ अधिकारियों ने बताया कि मुख्यत: बार-बार याद दिलाए जाने के बावजूद छह साल तक वार्षिक आयकर और विदेशी धन के संबंध में खर्च का ब्योरा जमा न करने की वजह से इन संगठनों का एफसीआरए पंजीकरण रद्द किया गया है। एफसीआरए दिशा-निर्देशों के अनुसार संगठनों को वित्त वर्ष के पूरा होने के नौ महीने के भीतर हर साल आय और व्यय के ब्योरे, रसीदों और भुगतान खाते, बही खाते इत्यादि की स्कैन प्रतियों के साथ एक ऑनलाइन वार्षिक रिपोर्ट जमा करनी होती है।

भरना होगा रिटर्न 

जिन संगठनों को किसी विशिष्ट वर्ष में विदेशी योगदान नहीं मिलता, उन्हें भी उक्त अवधि के तहत उस वित्त वर्ष के लिए ‘निल’ रिटर्न भरना होता है। अन्य जिन संस्थानों का एफसीआरए पंजीकरण रद्द किया गया है, उनमें इंस्टिट्यूट ऑफ पल्मोकेयर एंड रिसर्च, पश्चिम बंगाल, नेशनल जीयोफिजिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट, तेलंगाना, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, महाराष्ट्र, रबींद्रनाथ टैगोर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च, पश्चिम बंगाल और बैप्टिस्ट क्रिश्चियन एसोसिएशन, महाराष्ट्र भी शामिल हैं।

1807 संगठनों पर हुई कार्रवाई 

इस साल कुल 1,807 संगठनों और संस्थानों का एफसीआरए पंजीकरण रद्द करने के साथ ही एक अन्य संगठन, बेंगलूरू स्थित एनजीओ इन्फोसिस फाउंडेशन का पंजीकरण खुद इस संगठन के ‘‘आग्रह’’ पर रद्द कर दिया गया। इससे पहले इन्फोसिस फाउंडेशन के एक अधिकारी ने कहा था कि उनका एफसीआरए पंजीकरण गृह मंत्रालय को खुद संगठन द्वारा भेजे गए आग्रह पर रद्द किया गया। अधिकारी ने कहा, ‘‘यह किया गया क्योंकि 2016 में कानून में संशोधन के बाद इन्फोसिस फाउंडेशन एफसीआरए के दायरे में नहीं आता। हमने इस पर विचार के लिए मंत्रालय से संपर्क किया था, और हमारा आग्रह मानने के लिए उनका धन्यवाद।’’ वर्ष 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के समय से गृह मंत्रालय 14,800 से अधिक संगठनों का एफसीआरए पंजीकरण रद्द कर चुका है जिससे उनके विदेशी धन प्राप्त करने पर रोक लग गई है।
 

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)