सार

कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सीनियर नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और शशि थरूर AICC प्रमुख पद के लिए आमने-सामने हैं। कांग्रेस मुख्यालय के साथ-साथ देशभर में मौजूद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तरों में वोटिंग कराई गई।

नई दिल्ली. 24 साल बाद गैर-गांधी फैमिली में से कौन कांग्रेस का अध्यक्ष बनेगा, इसका फैसला आज (17 अक्टूबर) को पेटियों में बंद हो गया। वोटिंग से तय हो गया कि कांग्रेस का अगला आलाकमान कौन होगा? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे(Mallikarjun Kharge) और शशि थरूर AICC प्रमुख पद के लिए आमने-सामने हैं।  

कांग्रेस मुख्यालय के साथ-साथ देशभर में मौजूद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तरों में वोटिंग हुई। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस के हेडक्वार्टर में वोट डाला। वहीं, राहुल गांधी इस समय 'भारत जोड़ो यात्रा' के तहत कर्नाटक में हैं, लिहाज उन्होंने और 47 डेलिगेट्स ने बेल्लारी में वोट दिया। वोटिंग के बाद सोनिया गांधी ने पार्टी अध्यक्ष चुनाव को लेकर कहा कि मैं इसका लंबे समय से इंतजार कर रही थी। देशभर में 69 बूथ बनाए गए थे। कांग्रेस पार्टी के अनुसार 90 फीसदी के अधिक वोटिंग हुई है।

जानिए पूरी डिटेल्स...

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कर्नाटक के बेंगलुरु में बोले कांग्रेस के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे-ये हमारे आंतरिक चुनाव का हिस्सा है। हमें मिलकर पार्टी बनानी है। शशि थरूर ने मुझे फोन कर शुभकामनाएं दीं और मैंने भी उन्हें शुभकामनाएं दी है। 

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केरल के तिरुवनंतपुरम में कांग्रेस के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर ने कहा-मुझे विश्वास है। कांग्रेस पार्टी की किस्मत पार्टी कार्यकर्ताओं के हाथ में है। हमारे खिलाफ मुश्किलें खड़ी हो गई हैं, क्योंकि पार्टी के नेता और संगठन दूसरे उम्मीदवार(खड़गे) के साथ थे।

65 वोटिंग पोलिंग बूथ, 9000 कांग्रेस डेलिगेट्स
इलेक्शन में 9,000 से अधिक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के प्रतिनिधियों ने गुप्त मतदान में पार्टी प्रमुख को चुनने के लिए वोटिंग की। पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग हुई है। देश भर के 65 से अधिक पोलिंग बूथ पर मतदान हुआ। शशि थरूर ने अपना वोट केरल कांग्रेस मुख्यालय तिरुवनंतपुरम में डाला, जबकि खड़गे ने बेंगलुरु में कर्नाटक कांग्रेस कार्यालय में मतदान किया।

(झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर रांची में वोट करते हुए)

गांधी फैमिली के नजदीक हैं खड़गे
खड़गे को गांधी परिवार से उनकी निकटता और सीनियर नेताओं के समर्थन के लिए पसंदीदा माना जाता है, जबकि थरूर ने खुद को कांग्रेस में बदलाव के उम्मीदवार के रूप में पेश किया है। प्रचार के दौरान भले ही थरूर ने चुनाव में पक्षपात का मुद्दा उठाया, लेकिन दोनों उम्मीदवारों और पार्टी ने यह सुनिश्चित किया है कि इस चुनाव में गांधी फैमिली तटस्थ हैं और उनका किसी उम्मीदवार विशेष के लिए कोई समर्थन नहीं है। वोटिंग से पहले चुनावी अभियान के अंतिम दिन खड़गे और थरूर ने बेंगलुरू में और बाद में लखनऊ में अपने लिए जोरदार अपील की।

(नई दिल्ली स्थित कांग्रेस हेडक्वार्टर)

ये भी जानिए खड़गे और थरूर ने क्या कहा?
बेंगलुरू में बोलते हुए खड़गे ने कहा कि अगर वे अध्यक्ष बनते हैं, तो उन्हें पार्टी के मामलों को चलाने में गांधी परिवार की सलाह और समर्थन लेने में कोई शर्म नहीं होगी, क्योंकि उन्होंने(गांधी परिवार) संघर्ष किया है और इसके विकास के लिए अपनी ताकत लगाई है। इस बीच थरूर ने खड़गे का समर्थन करने वाले कुछ सीनियर नेताओं पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ सहयोगी 'नेतागीरी' में लिप्त हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि वे जानते हैं कि सोनिया गांधी किसे निर्वाचित करना चाहती हैं? थरूर ने लखनऊ में कहा कि अगर किसी के मन में भय या संदेह है, तो पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि यह एक गुप्त मतदान होगा। उन्होंने कांग्रेस के प्रतिनिधियों से नए पार्टी अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए मतदान करते समय उनके दिल की बात सुनने का आग्रह किया।

उधर, खड़गे खेमे ने वोट मांगने के लिए एक कैम्पेन वीडियो शेयर किया, जिसमें राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में फिल्म लक्ष्य के गाने 'कंधों से मिलते हैं कांधे' के साथ चलने के दृश्य शामिल थे। थरूर ने भी एक उत्साह पैदा करने वाला वीडियो ट्वीट करते हुए परिवर्तन को गले लगाने के लिए साहस दिखाने का आह्वान किया। थरूर ने जोर देकर कहा कि वह जिस बदलाव की कल्पना करते हैं, उसमें पार्टी के मूल्य और वफादारी वही रहेंगे, केवल परिवर्तन के दौर से गुजर रहे लक्ष्यों को प्राप्त करने के तरीके बदल जाएंगे।

चुनाव कार्यालय से ये दिए गए दिशा-निर्देश
 चुनाव अधिकारी मधुसूदन मिस्त्री के कार्यालय से मतदाताओं को निर्देश दिया गया है कि वे जिस उम्मीदवार को वोट देना चाहते हैं, उसके सामने बॉक्स में टिक मार्क लगाएं। कोई अन्य मार्क लगाने या नंबर लिखने से वोट अमान्य हो जाएगा। उधर, चुनावों के महत्व के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश ने बताया कि उन्होंने हमेशा ऐसे पदों के लिए आम सहमति विकसित करने के कांग्रेस मॉडल में विश्वास किया है।

राहुल कह चुके हैं ये बात
राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने से इनकार करने और परिवार के किसी भी व्यक्ति के पद संभालने से इनकार के बाद अध्यक्ष पद का चुनाव कराया जा रहा है। हालांकि, यह आरोप लगे कि कांग्रेस अध्यक्ष कोई भी हो लेकिन रिमोट गांधी परिवार के पास ही होगा। इस पर राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि जो कोई भी पार्टी के नए अध्यक्ष के रूप में चुना जाएगा, उसे निर्णय लेने और संगठन चलाने की पूरी छूट होगी। किसी को भी 'रिमोट कंट्रोल' कहना दोनों प्रत्याशियों का अपमान है। 

देखिए वोटिंग की कुछ तस्वीेरें..

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