सार

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज यानी शुक्रवार को अहम बैठक बुलाई है। बैठक में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर पर चर्चा होगी और सभी राज्यों के सचिव, जनगणना अधिकार शामिल होंगे। पश्चिम बंगाल की ओर से लिखित में इस बैठक का बहिष्कार करने की बात कह दी गई है।

नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन एक्ट पर जारी बवाल के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज यानी शुक्रवार को अहम बैठक बुलाई है। बैठक में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर पर चर्चा होगी और सभी राज्यों के सचिव, जनगणना अधिकार शामिल होंगे। लेकिन इस बैठक को लेकर भी राजनीति जारी है। पश्चिम बंगाल की ओर से लिखित में इस बैठक का बहिष्कार करने की बात कह दी गई है। NPR, CAA के मसले पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार विरोध जता रही हैं। 

बैठक में ये होंगे शामिल 

एनपीआर की प्रक्रिया शुरू होने से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय सभी राज्यों से मिलकर रणनीति तैयार करना चाहता है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला इस बैठक की अगुवाई करेंगे। राज्य सरकारों की ओर से मुख्य सचिवों और जनगणना निदेशक शामिल होंगे। 

बंगाल ने बनाई दूरी 

केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून लागू किए जाने के बाद से ममता बनर्जी लगातार विरोध कर रही हैं। इसके साथ ही नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर का के खिलाफ भी ममता का विरोध जारी है। इसी विरोध के बीच बंगाल से कोई भी अधिकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होगा। बीते दिनों जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल के दौरे पर थे, तब ममता बनर्जी ने पीएम मोदी से इस बात के बारे में कहा था कि केंद्र सरकार को CAA, NRC वापस लेना होगा। ममता ऐलान कर चुकी हैं कि बंगाल में ये कानून लागू नहीं होगा।

केरल सरकार ने अधिकारियों को रोका

केरल प्रशासन विभाग ने एनपीआर पर अपना रूख स्पष्ट करते हुए सभी डिस्ट्रिक्ट कलेक्टरों को एक पत्र भेज दिया है। पत्र में बताया गया है कि सरकार ने राज्य में एनपीआर प्रक्रिया के संबंध में सभी गतिविधियों को रोक दिया है। यह नोटिस उस समय जारी किया गया है जब कुछ जनगणना अधिकारी एनपीआर का उल्लेख कर रहे हैं, जबकि वे जनगणना से संबंधित संचार भेजते हैं। सरकार की ओर से कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसी कार्रवाइयों को दोहराया नहीं जाएगा, अन्यथा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। 

NPR से क्या होगा?

गृह मंत्रालय के मुताबिक, NPR का मकसद देश के निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस तैयार करना है। इसमें डेमोग्राफिक तथा बायोमेट्रिक ब्योरे शामिल किए जाएंगे। यह रजिस्टर स्थानीय, उपजिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नागरिकता कानून, 1955 और नागरिकता नियम, 2003 के तहत बनाया जाएगा। नियम के प्रावधानों के उल्लंघन पर 1000 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।