सार
सीबीआई ने कहा कि जांच बेहद संवेदनशील स्थिति में है, उनको जमानत देने से जांच प्रभावित हो सकता है।
Manish Sisodia CBI remand: दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एक बार फिर राहत नहीं मिली। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की सीबीआई कस्टडी को बढ़ा दिया है। अब वह 17 अप्रैल तक सीबीआई की कस्टडी में रहेंगे। राज्य में कुछ दिनों के लिए लागू की गई नई आबकारी नीति के भ्रष्टाचार केस में सिसोदिया को अरेस्ट किया गया था। सीबीआई ने कोर्ट से रिमांड बढ़ाने का अनुरोध किया था। सीबीआई ने कहा कि जांच बेहद संवेदनशील स्थिति में है, उनको जमानत देने से जांच प्रभावित हो सकता है।
ईडी रिमांड खत्म होने के बाद सीबीआई कस्टडी में थे सिसोदिया
दिल्ली आबकारी नीति केस में सिसोदिया की ईडी रिमांड खत्म होने के बाद बुधवार 22 मार्च को कोर्ट में पेश किया गया था। इसके बाद कोर्ट ने उनको सीबीआई रिमांड पर दे दिया। CBI और ED दोनों ही शराब नीति केस की जांच कर रही हैं। सिसोदिया को ED ने 9 मार्च को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। मनीष सिसोदिया 10 मार्च से 22 मार्च तक ईडी की रिमांड पर हैं। 23 मार्च से 3 अप्रैल तक उनकी कस्टडी CBI के पास रहेगी। बीते शुक्रवार यानी 17 मार्च को ईडी ने मनीष सिसोदिया का रिमांड पांच दिनों के लिए बढ़ा दिया था। दिल्ली आबकारी नीति केस में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया को 22 मार्च तक रिमांड पर दे दिया था। 17 मार्च को उनका रिमांड खत्म हो गया था। हालांकि, ईडी ने स्पेशल कोर्ट में सात और दिनों की रिमांड मांगी थी लेकिन पांच दिन कोर्ट ने दिया। सिसोदिया के वकील ने रिमांड का विरोध किया लेकिन ईडी ने बताया कि मनीष सिसोदिया ने अपने मोबाइल को बार-बार बदला था, उस दौरान का डेटा फिर से निकाला गया है। पूर्व डिप्टी सीएम के ईमेल और मोबाइल फोन से निकाले गए डेटा की एनालिसिस की जा रही है। इसलिए अभी और पूछताछ का समय चाहिए। इस सहमत होते हुए कोर्ट ने पांच दिनों का रिमांड और दे दिया। पढ़े ईडी द्वारा गिरफ्तारी की कहानी…
9 मार्च को अरेस्ट किया ईडी ने तिहाड़ तेल से
ईडी ने मनीष सिसोदिया को 9 मार्च को दिल्ली शराब नीति केस में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। 10 मार्च को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने 7 दिन का रिमांड ईडी को दिया था। शुक्रवार 17 मार्च को एक बार फिर ईडी को पांच दिनों का रिमांड कोर्ट ने सैंक्शन कर दिया है। रिमांड मांगते हुए ED ने दावा किया है कि सिसोदिया व अन्य लोगों ने मिलकर दिल्ली आबकारी नीति को लागू करने और छूट देने के लिए 290 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत ली थी।