लोकसभा की कार्यवाही अपराह्न दो बजे शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शहीद दिवस की चर्चा की। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को 23 मार्च 1931 को ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान फांसी पर लटकाया गया था। इस दिन को शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 

नई दिल्ली. संसद ने अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू तथा छत्तीसगढ़ के सुकमा में शनिवार को नक्सली हमले में शहीद हुए 17 सुरक्षाकर्मियों को सोमवार को श्रद्धांजलि दी।

इस दिन को शहीद दिवस के रुप में मनाया जाता है

लोकसभा की कार्यवाही अपराह्न दो बजे शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शहीद दिवस की चर्चा की। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को 23 मार्च 1931 को ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान फांसी पर लटकाया गया था। इस दिन को शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है। अध्यक्ष ने सदन को गत 21 मार्च को छत्तीसगढ के सुकमा में पुलिस दल पर माओवादियों के हमले में 17 जवानों के शहीद होने और 15 जवानों के घायल होने की भी जानकारी दी।

सदस्यों ने कुछ पल का मौन रखकर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू तथा सुकमा हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी।

राज्यसभा में भी शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

उधर राज्यसभा में सभापति एम वेंकैया नायडू ने आज शहीद दिवस होने का जिक्र किया। नायडू ने मातृभूमि के लिए तीनों शहीदों की देशभक्ति और उनके सर्वोच्च बलिदान का उल्लेख किया। नायडू ने भी सुकमा में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में 17 सुरक्षाकर्मियों की मौत होने तथा 15 जवानों के घायल होने का जिक्र किया। उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए मृतक जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना जतायी और घायल सुरक्षाकर्मियों के जल्द स्वाथ्य होने की कामना की। उन्होंने कहा कि प्रतिबद्धता के साथ ही ऐसी घटनाओं का मुकाबला किया जा सकता है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(प्रतीकात्मक फोटो)