सार
नागरिकता कानून को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। सरकार का कहना है कि इस कानून को लेकर लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है। सरकार के बयान का मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने समर्थन किया है।
नई दिल्ली. नागरिकता कानून को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। सरकार का कहना है कि इस कानून को लेकर लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है। सरकार के बयान का मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि सीएए और एनआरसी दोनों दो अलग-अलग चीजें हैं। एनआरसी अभी असम में लागू किया गया है। अभी पूरे देश में लागू नहीं है। अभी हमें नहीं पता कि यह लागू किया जाएगा तब क्या नियम होंगे। राजनीतिक पार्टियां लोगों को भ्रमित कर रही हैं। मैं अपील करता हूं कि मुसलमान संयम रखें।
यूपी में 9 लोगों की मौत
नागरिकता कानून का पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। उत्तर प्रदेश में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। पहले लखनऊ में प्रदर्शन हिंसक हुआ, फिर अगल दिन प्रदेश के बाकी शहरों में भी प्रदर्शन तेज हो गए। 20 जिलों में पुलिस को भीड़ को हटाने के लिए लाठी चार्ज करनी पड़ी।
सभी स्कूल-कॉलेज बंद
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यूपी में शनिवार को सभी निजी और सरकारी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। इससे पहले गुरुवार और शुक्रवार को भी राज्य के सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए थे। वहीं, पुलिस महानिदेशक ने पुलिस की गोली से किसी की भी मृत्यु होने से इनकार किया। उन्होंने बताया कि हिंसा में 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी भी गम्भीर रूप से घायल हुए हैं।
इन जिलों में हुई कार्रवाई
जिले | हुए गिरफ्तार | केस हुआ दर्ज |
लखनऊ | 218 से ज्यादा | 1000 से अधिक |
प्रयागराज | 150 से ज्यादा | 1000 से अधिक |
गाजियाबाद | 65 से अधिक | 3600 से ज्यादा |
बहराइच | 38 से ज्यादा | 2000 से ज्यादा |
हापुड़ | 9 से अधिक | 200 से ज्यादा |
सीतापुर | 10 से ज्यादा | 400 से ज्यादा |
667 लोग पुलिस हिरासत में
पुलिस के मुताबिक फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर, बुलन्दशहर, बहराइच, भदोही, गाजियाबाद और गोरखपुर समेत 20 जिलों में उग्र प्रदर्शनकारियों ने जुमे की नमाज के बाद सड़क पर आकर पथराव और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया। हिंसा एवं आगजनी की घटनाओं में लगभग दो दर्जन वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। प्रभावित जिलों से क्षति का आंकलन करते हुए रिपोर्ट मांगी गयी है। हालांकि गुरुवार को हुई हिंसा की चपेट में आये लखनऊ और पिछले करीब एक सप्ताह से विरोध प्रदर्शन के दौर से गुजर रहे अलीगढ़ में शुक्रवार को हालात शांतिपूर्ण रहे।
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