सार
मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान में चल रही कांग्रेस सरकार की उठापटक फिलहाल सचिन पायलट की वापसी के बाद अब थमती नजर आ रही है। वहीं बसपा विधायकों के कांग्रेस के विलय के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई टल गई।
नई दिल्ली. मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान में चल रही कांग्रेस सरकार की उठापटक फिलहाल सचिन पायलट की वापसी के बाद अब थमती नजर आ रही है। वहीं बसपा विधायकों के कांग्रेस के विलय के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई टल गई। अब इस मसले पर अगली सुनवाई 13 अगस्त को होनी है। इसी बीच कांग्रेस के अंदर की कलह को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने तंज कसा है। उन्होंने कहा, ' फिलहाल राजस्थान में कांग्रेस सरकार सुरक्षित दिख रही है लेकिन कहा नहीं जा सकता है कि दोबारा यह विवाद कब शुरू हो जाए।'
मायावती ने मंगलवार को कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा, 'बसपा कहना चाहती है कि इन दोनों के बीच लंबे समय तक आंतरिक संघर्ष के कारण राज्य में लोक कल्याण के कार्य प्रभावित हुए हैं। इसलिए मैं राजस्थान के राज्यपाल से स्थिति को संज्ञान में लेने और अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाने की अपील करती हूं।
भाजपा पर भी साधा निशाना
राजस्थान में जारी सियासी संग्राम को लेकर मायावती ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला है कि भाजपा जरूरत पड़ने पर श्री परशुराम की भव्य प्रतिमा स्थापित करेगी। अगर ऐसा होता है, तो हमारी पार्टी विरोध नहीं करेगी बल्कि उसका स्वागत करेगी। भाजपा सरकार को ऐसा करने में देर नहीं करनी चाहिए। मुझे लगता है कि उन्हें इसे जल्द पूरा करना चाहिए।'
पायलट की कांग्रेस में हुई सुरक्षित लैंडिंग
सचिन पायलट के बागी तेवरों से ऐसा लगने लगा था कि राजस्थान सरकार में बड़ा उलट फेर होने की संभावनाएं हैं। लेकिन सीएम गहलोत और पायलट के बीच सुलह कराने का जिम्मा प्रियंका गांधी ने उठाया। जिसके बाद सोमवार को सचिन पायलट प्रियंका गांधी के साथ-साथ सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी मिले थे। जिसके बाद पायलट ने कांग्रेस में वापसी स्वीकार कर ली। राजस्थान प्रकरण में जिस तरह प्रियंका ने भूमिका निभाई है उससे साफ है कि पार्टी में उनका कद पहले से ज्यादा बढ़ा है।