सार
संजय भंडारी जोकि यूके भाग गया था, को भारत ने 2020 में प्रत्यर्पित करने के लिए यूके सरकार से बात की थी। भारत सरकार के प्रत्यर्पण अनुरोध को तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने जून 2020 में मान लिया था। इसके बाद अगले महीने प्रत्यर्पण वारंट पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
Sanjay Bhandari extradition: मिडिल मैन व हथियारों के सौदों में कथित सलाहकार संजय भंडारी को यूके से भारत लाया जा सकता है। ब्रिटेन की एक अदालत ने बिचौलिए संजय भंडारी को टैक्स चोरी व मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए भारत को प्रत्यर्पित करने की अनुमति दे दी है। भंडारी के प्रत्यर्पण की फाइल पर अब यूके की होम मिनिस्टर सुएला ब्रेवरमैन को निर्णय लेना है। ब्रिटिश सरकार ने सहमति दे दी तो मिडिलमैन संजय भंडारी भारत को सुपुर्द कर दिया जाएगा।
लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गृह मंत्रालय को भेजी फाइल
दरअसल, संजय भंडारी के प्रत्यर्पण को लेकर काफी दिनों से मामला चल रहा है। उस पर मनी लॉन्ड्रिंग केस के अलावा टैक्स चोरी का भी आरोप है। 60 वर्षीय संजय भंडारी के प्रत्यर्पण का मामला लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा था। जिला न्यायाधीश माइकल स्नो ने निर्णय दिया कि संजय भंडारी के मामले में भारत को प्रत्यर्पण किए जाने से रोकने के लिए कोई वजह नहीं है। उसे भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। इसलिए अब इस मामले में गृह मंत्रालय निर्णय ले सकता है। कोर्ट ने निर्णय सुनाने के साथ गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन के पास निर्णय लेने के लिए फाइल भेज दिया। हालांकि, मजिस्ट्रेट ने यह भी कहा कि उसे अलग सेल में रखा जाए और मेडिकल फैसिलिटी भी दी जाए। भारतीय अधिकारियों की ओर से यूके की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने तर्क दिया कि भंडारी का आचरण ब्रिटिश अधिकार क्षेत्र में झूठे प्रतिनिधित्व द्वारा धोखाधड़ी के बराबर है।
दो साल पहले भारत ने किया था प्रत्यर्पण की मांग
संजय भंडारी जोकि यूके भाग गया था, को भारत ने 2020 में प्रत्यर्पित करने के लिए यूके सरकार से बात की थी। भारत सरकार के प्रत्यर्पण अनुरोध को तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने जून 2020 में मान लिया था। इसके बाद अगले महीने प्रत्यर्पण वारंट पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। भंडारी, भारत में टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग के अपराधों का वांटेड है। बताया जा रहा है कि 2015 में वह टैक्स चोरी के लिए भारत का नागरिक था। उस पर आरोप है कि विदेशी संपत्ति को छुपाने के साथ पुराने दस्तावेजों का उपयोग कर उसने काफी टैक्स चोरी की थी।
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