सार

देश में कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक साबित हो रही है। पिछले 24 घंटे में 3.66 लाख केस सामने आए हैं। वहीं, 3200 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है। कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते देश के तमाम बड़े और छोटे शहरों में ऑक्सीजन संकट का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, इस समस्या को जल्द से जल्द हल करने के लिए मोदी सरकार द्वारा तमाम कदम उठाए जा रहे हैं। 

नई दिल्ली. देश में कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक साबित हो रही है। पिछले 24 घंटे में 3.66 लाख केस सामने आए हैं। वहीं, 3200 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है। कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते देश के तमाम बड़े और छोटे शहरों में ऑक्सीजन संकट का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, इस समस्या को जल्द से जल्द हल करने के लिए मोदी सरकार द्वारा तमाम कदम उठाए जा रहे हैं। यहां तक की रेलवे राज्यों में कोरोना संकट को खत्म करने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस चला रहा है। वहीं, भारतीय वायुसेना विदेशी से ऑक्सीजन कंटेनर्स को एयरलिफ्ट कर रही है। 


7 अप्रैल- मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए 24 घंटे में लाइसेंस
कोरोना के बढ़ते केसों के चलते ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को देखते हुए केंद्र सरकार ने 7 अप्रैल को अहम कदम उठाया। केंद्र सरकार ने  मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए प्लांट के लिए सिर्फ 24 घंटे में लाइसेंस देने का आदेश दिया। ताकि देश में जल्द से जल्द ऑक्सीजन के प्लांट लग सकें और अस्पतालों को जल्द से जल्द ऑक्सीजन मिल सके। ताकि इस संकट से निपटा जा सके। 


पीएम ऑक्सीजन संकट पर रख रहे नजर
देश में बढ़ते मामलों के चलते ऑक्सीजन कमी की खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में पीएम मोदी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने अपनी पिछली 10 बैठकों में से तीन सिर्फ ऑक्सीजन को लेकर की हैं। पीएम मोदी ने 16 अप्रैल को देश में पर्याप्त मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए समीक्षा की थी। इस दौरान पीएम ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे 12 राज्यों में ऑक्सीजन की आपूर्ति की वर्तमान स्थिति और अनुमानित उपयोग के बारे में जानकारी ली थी, जिनमें आने वाले 15 दिनों में ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत थी। पीएम मोदी ने इन राज्यों में जिला स्तर पर स्थिति का जायजा लिया था।  

इसके बाद पीएम मोदी ने 22 अप्रैल को ऑक्सीजन की आपूर्ति और इसकी उपलब्धता को बढ़ाने के तरीकों और उपायों की समीक्षा करने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। इसमें उन्होंने ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी ली थी। इस दौरान पीएम मोदी ने अधिकारियों से ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाना, वितरण की गति बढ़ाना और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए ऑक्सीजन की सहायता प्रदान करने के लिए नए तरीकों के इस्तेमाल करने के लिए भी कहा था। 


23 अप्रैल: पीएम ने ऑक्सीजन कंपनियों के मालिकों से की बात
पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश के प्रमुख ऑक्सीजन निर्माताओं के साथ बैठक की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने यह समय केवल चुनौतियों से निपटने के लिए नहीं है बल्कि बहुत कम समय में समाधान प्रदान करने के लिए भी है। पीएम ने कंपनियों द्वारा लिक्विड ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए उठाए गए कई कदमों को भी तारीफ की थी। इसके अलावा उन्होंने कंपनियों से अपील की थी कि वे देश में आने वाले दिनों में ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए पूरी क्षमता का इस्तेमाल करें।  प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता बढ़ाने के साथ-साथ ऑक्सीजन के परिवहन के लिए लॉजिस्टिक सुविधाओं को भी बढ़ाने की जरूरत है।


18 अप्रैल- औद्योगिक इस्तेमाल पर लगी रोक
ऑक्सीजन संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने 18 अप्रैल को बड़ा कदम उठाया। सरकार ने 22 अप्रैल से ऑक्सीजन के औद्योगिक इस्तेमाल पर रोक लगाने का ऐलान किया था। हालांकि, इसमें मेडिकल और अन्य जरूरी 9 सेक्टरों एंपूल्स & वॉयल्स, दवाएं, पेट्रोलियम रिफाइनरियों, स्टील प्लांट्स, परमाणु ऊर्जा सुविधाएं, ऑक्सीजन सिलेंडर निर्माता, अपशिष्ट जल शोधन संयंत्र और खाद्य और जल शोधन को छूट दी गई थी। 


21 अप्रैल- रेलवे ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस की शुरुआत की
राज्यों में ऑक्सीजन संकट को दूर करने के लिए रेलवे ने 21 अप्रैल को ऑक्सीजन एक्सप्रेस की शुरुआत की। इससे ऑक्सीजन को राज्यों तक पहुंचाया जा रहा है। इतना ही नहीं ऑक्सीजन जल्द से जल्द पहुंचे, इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनाए जा रहे हैं। रेलवे ने मंगलवार तक 450 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई इस एक्सप्रेस से राज्यों तक की थी। इसके अलावा कुछ राज्यों के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई पाइप लाइन में थी। 

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24 अप्रैल- वायुसेना ने विदेशों से कंटेनर एयरलिफ्ट करना शुरू किया
कोरोना के खिलाफ जंग में वायुसेना अहम भूमिका निभा रही है। ऑक्सीजन संकट को दूर करने के लिए गृह मंत्रालय के सहयोग से वायुसेना बैंकॉक, थाईलैंड, सिंगापुर समेत अन्य देशों से कंटेनर एयरलिफ्ट कर रही है। इसके लिए वायुसेना सी-17 विमानों का इस्तेमाल कर रही है। 


25 अप्रैल: देश में 551 ऑक्सीजन प्लांट को दी मंजूरी
केंद्र सरकार ने 25 अप्रैल को पीएम केयर्स फंड से देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 551 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट की मंजूरी दी थी। इसके बनने के बाद जिला स्तर पर ऑक्सीजन से संबंधित सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था सुधर जाएगी। इसके अलावा  551 ऑक्सीजन प्लांट से जिला स्तर पर ऑक्सीजन की कमी की समस्या से भी निजात मिलेगा। इससे पहले इस साल की शुरुआत में केंद्र सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 201.58 करोड़ रु से 162 डेडिकेटेड प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट को मंजूरी दी थी। 


28 अप्रैल: 1 लाख ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर, 500 पीएसए प्लांट्स को पीएम केयर फंड्स से दी मंजूरी
देश में ऑक्सीजन संकट से निपटने के लिए पीएम मोदी ने पीएम केयर फंड्स से 1 लाख पोर्टेबल ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर की खरीद का आदेश दिया है। पीएम मोदी ने यह फैसला देश में मेडिकल ऑक्सीजन के संकट को दूर करने के लिए किया। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने आदेश दिया कि यह खरीद जल्द से जल्द होनी चाहिए। ये कॉन्सेन्ट्रेटर सबसे संक्रमित राज्यों को दिए जाएंगे। 

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इतना ही नहीं इससे पहले 713 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के अलावा देश में पीएम केयर फंड्स से 500 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट्स और लगाए जाएंगे। यह प्लांट्स जिले के कार्यालय और टियर 2 शहरों में लगाए जाएंगे। ये प्लांट्स घरेलू निर्माताओं को डीआरडीओ और सीएसआईआर द्वारा विकसित स्वदेशी तकनीक के हस्तांतरण के साथ लगाए जाएंगे। 

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