सार

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने ट्वीट किया कि दक्षिण पश्चिम राजस्थान और उससे सटे कच्छ के हिस्सों से दक्षिण पश्चिम मानसून आज20 सितंबर) वापस आ गया है, जबकि दक्षिण पश्चिम राजस्थान से इसकी वापसी की तारीख 17 सितंबर रही है। 

नई दिल्ली. दक्षिण-पश्चिम मानसून(south-west monsoon) ने दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों और गुजरात के कच्छ से पीछे हटना शुरू कर दिया। यानी मानसून की वापसी शुरू हो गई है। हालांकि 8 राज्यों में धान की फसल वाले राज्यों उत्तर प्रदेश और बिहार में कम बारिश हुई है। 2016 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि सितंबर के तीसरे सप्ताह में मानसून की वापसी शुरू हो गई है। (पंजाब के जालंधर में अनाज मंडी में बारिश से अनाज बचाते लोग)

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने ट्वीट किया कि दक्षिण पश्चिम राजस्थान और उससे सटे कच्छ के हिस्सों से दक्षिण पश्चिम मानसून आज20 सितंबर) वापस आ गया है, जबकि दक्षिण पश्चिम राजस्थान से इसकी वापसी की तारीख 17 सितंबर रही है। मौसम कार्यालय ने कहा कि मानसून की वापसी की शर्तें- पांच दिनों तक बारिश नहीं होना, क्षेत्र में एंटी-साइक्लोन और शुष्क मौसम की स्थिति होती है। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने इसे पूरा किया है। दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी की रेखा खाजूवाला, बीकानेर, जोधपुर और नलिया से होकर गुजरती है।

देश में 7 प्रतिशत अधिक बारिश
मौसम कार्यालय के अनुसार, भारत में 7 प्रतिशत अधिक बारिश हुई थी, लेकिन 8 राज्यों-उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, पंजाब, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर में कम बारिश दर्ज की गई। दक्षिण-पश्चिम मानसून का मौसम 1 जून से शुरू होता है और 30 सितंबर तक चलता है। भारत में 1 जून से 20 सितंबर के बीच 878.5 मिमी बारिश हुई, जो समीक्षाधीन अवधि के लिए 822 मिमी की सामान्य वर्षा से 7 प्रतिशत अधिक थी।

उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में कम बारिश से राज्यों में धान की बुआई प्रभावित हुई है। 16 सितंबर तक खरीफ सीजन के दौरान धान की बुवाई का रकबा पिछले वर्ष की तुलना में 18.90 लाख हेक्टेयर कम रहा। कृषि मंत्रालय के अनुसार, 16 सितंबर तक धान की बुवाई का रकबा 399.03 लाख हेक्टेयर था, जो पिछले साल 417.93 लाख हेक्टेयर था। उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से 13 बड़ी कमी (-60 से -99 प्रतिशत वर्षा की कमी) की श्रेणी में और 46 जिले-20 से -59 प्रतिशत की कमी की श्रेणी में हैं, लेकिन राज्य में सिंचाई की अच्छी सुविधा है। इस दौरान झारखंड के 20 जिलों, बिहार के 10 जिलों और पश्चिम बंगाल के चार जिलों में 75 प्रतिशत से कम बुवाई हुई है।

इन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार आजकल में ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। असम, मेघालय, नागालैंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, विदर्भ, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार के कुछ हिस्सों और झारखंड में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।

इन राज्यों में हल्की या मध्यम बारिश का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department-IMD)  के अनुसार,आजकल में पूर्वोत्तर भारत, गंगीय पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, तेलंगाना, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश, मराठवाड़ा और उत्तरी कोंकण और गोवा में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। दिल्ली, हरियाणा, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, तटीय कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप तथा अंडमान और निकोबार दीप समूह में हल्की बारिश हो सकती है।

इन राज्यों में बीते दिन हुई बारिश
स्काईमेट वेदर(skymet weather) के अनुसार, बीते दिन ओडिशा और असम, झारखंड और उत्तरी मध्य महाराष्ट्र में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। राजस्थान, मध्य महाराष्ट्र, केरल, लक्षद्वीप, कोंकण और गोवा और शेष पूर्वोत्तर भारत में हल्की बारिश हुई।

दिल्ली: अगले 4-5 दिनों में हल्की बारिश की संभावना, IMD
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के बुलेटिन के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में अगले 4-5 दिनों तक आसमान में बादल छाए रहने के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है।  दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में मंगलवार को हल्की से मध्यम बारिश हुई, जिससे कई इलाकों में जलभराव और ट्रैफिक जाम हो गया। दिल्ली के ज्यादातर उत्तरी हिस्सों में बारिश हुई, जबकि ज्यादातर दक्षिणी हिस्से में बारिश नहीं हुई। मौसम विभाग ने कहा कि रिज रोड(दिल्ली में उत्तरी अरावली लेपर्ड वाइल्डलाइफ कॉरिडोर) में 87 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय के इलाके में 83.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

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