सार
पंजाब में सुरक्षा एजेंसियां 200 से अधिक YouTube चैनलों पर कड़ी निगरानी रख रही हैं। ये वे चैनल हैं जो पिछले कुछ महीनों में किसान आंदोलन के समर्थन के नाम पर सामने आए हैं। इन चैनलों के कंटेंट के अलावा उनके फंड से श्रोतों पर भी निगरानी है। इंटेलिजेंस एजेंसियों को संदेह है कि इनमें से कुछ चैनल किसानों की आड़ में भारत विरोधी भावनाओं को भड़का सकते हैं।
नई दिल्ली. पंजाब में सुरक्षा एजेंसियां 200 से अधिक YouTube चैनलों पर कड़ी निगरानी रख रही हैं। ये वे चैनल हैं जो पिछले कुछ महीनों में किसान आंदोलन के समर्थन के नाम पर सामने आए हैं। इन चैनलों के कंटेंट के अलावा उनके फंड से श्रोतों पर भी निगरानी है। इंटेलिजेंस एजेंसियों को संदेह है कि इनमें से कुछ चैनल किसानों की आड़ में भारत विरोधी भावनाओं को भड़का सकते हैं।
राज्य पुलिस की खुफिया शाखा के सूत्रों ने खुलासा किया कि 26 नवंबर से दिल्ली के टिकरी, गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर से कई YouTube चैनल मशीनी और नियमित रूप से लाइव कवर कर रहे हैं।
पुलिस विभाग के सूत्रों के मुताबिक, इन चैनलों की निरंतर निगरानी रखने की आवश्यकता है। केंद्र ने अमेरिका स्थित अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के विवादास्पद प्रमुख गुरपतवंत पन्नू द्वारा चलाए जा रहे यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन सूत्रों ने कहा कि प्रतिबंध को नाकाम करने के लिए पन्नू अन्य YouTube चैनलों को फंडिंग कर रहा है, जो किसान आंदोलन की आड़ में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।
एक अधिकारी के मुताबिक, हमारी मॉनिटरिंग टीम लगातार कंटेंट की निगरानी कर रही है। चूंकि यह एक बहुत ही तकनीकी और जटिल कार्य है जिसे हम ऐसे चैनलों को पहचानने और रोकने का प्रयास कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि कुछ किसान संगठनों ने भी सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क कर यह आशंका जताई है कि कुछ शरारती लोगों को भड़काने की कोशिश कर सकते हैं।
एक अधिकारी ने कहा, हमें किसान नेताओं द्वारा कुछ फेसबुक पेजों और YouTube चैनलों के बारे में जानकारी दी गई है, जिससे यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि उनका इस्तेमाल आंदोलन को खराब करने के लिए किया जा सकता था।