सार
बालेश्वर की रहने वाली मधुमिता पहली महिला ऑटोरिक्शा ड्राइवर हैं। मधुमिता 8वीं तक पढ़ी हैं। वह 15 साल की थीं, जब उनकी शादी हुई। लेकिन अब ऑटो रिक्शा चलाकर अपना और बच्चों का पेट पालती हैं। इसके साथ ही वह चाहती है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके।
नई दिल्ली. कहते हैं कि जहां चाह है वहां राह है। और इंसान यदि चाह ले तो हर काम को बड़े ही आसानी से कर लेता है। इसी क्रम में ओडिशा के बालेश्वर शहर से एक मामला सामने आया है। जहां एक महिला पति के छोड़े जाने के बाद अपने परिवार और बच्चों का पेट पालने के लिए ऑटो चलाती है। दरअसल, बालेश्वर की रहने वाली मधुमिता पहली महिला ऑटोरिक्शा ड्राइवर हैं। वह उन महिलाओं के लिए मिसाल हैं, जो पति के छोड़ दिए जाने के कारण जिंदगी से रूठ जाती हैं, निराश हो जाती हैं।
15 साल की उम्र में हुई शादी
पति के छोड़े जाने के बाद मधुमिता ने जिंदगी को आगे बढ़ाने के लिए अपने शहर की पहली ऑटोरिक्शा चालक बन गईं। मधुमिता 8वीं तक पढ़ी हैं। वह 15 साल की थीं, जब उनकी शादी हुई। हालांकि, शादी के कुछ वर्षों बाद पति ने उन्हें छोड़ दिया और बाद में एक दूसरी लड़की से शादी कर ली। मधुमिता कहती हैं, ‘मैं एक गरीब परिवार से आती हूं लेकिन पति द्वारा छोड़े जाने के बाद मैंने हार नहीं मानी। मैंने अपने परिवार की जिम्मेदारी उठानी शुरू की। छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी संघर्ष किया।
इस समाज में जहां महिलाओं को पुरुषों से कम आंका जाता है, वहां महिलाओं के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह हिम्मत के साथ खुद के लिए खड़ी हों।’
गरीबों और जरूरतमंदो से नहीं लेती पैसा
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मधुमिता पिछले नौ महीने से ऑटो चला रही हैं। उनकी ज्यादातर सवारियां महिलाएं हैं, जो उनके अच्छे व्यवहार और ऑटो चलाने की काबलियत के कारण उनके रिक्शा में सफर करना पसंद करती हैं। इन सब में सबसे खास बात यह है कि मधुमिता गरीब और जरूरतमंद लोगों को फ्री में उनकी मंजिल तक पहुंचाती हैं।
बच्चों को देना चाहती हैं अच्छी शिक्षा
ऑटो रिक्शा चलाने वाली मधुमिता के दो बच्चे हैं और वह बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहती है। वह कहती हैं, ‘मैं अपने बच्चों को खूब पढ़ाना चाहती हूं, इसके लिए मैं दिन में कुछ घंटे और रिक्शा चलाने को तैयार हूं, ताकि कुछ और पैसे कमा सकूं।’ रिपोर्ट के मुताबिक, वह महीने में ऑटोरिक्शा चलाकर 10 हजार रुपये तक कमा लेती हैं।