सार

मुंबई की रहने वाली 18 साल की फुटबॉलर, जिसे दो साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मानित किया था, वह अब दयनीय जीवन जीने को मजबूर और बेघर है। मैरी नायडू जब 16 साल की थीं, तो उन्हें केंद्र सरकार के 11 मिलियन कार्यक्रम के तहत सम्मानित किया था। 

मुंबई. मुंबई की रहने वाली 18 साल की फुटबॉलर, जिसे दो साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मानित किया था, वह अब दयनीय जीवन जीने को मजबूर और बेघर है। मैरी नायडू जब 16 साल की थीं, तो उन्हें केंद्र सरकार के 11 मिलियन कार्यक्रम के तहत सम्मानित किया था। 

मैरी ने बताया वे 2010 तक पक्के घर में रह रही थीं, लेकिन बाद में मुंबई महानगर पालिका द्वारा उसके घर को गिरा दिया गया। इसके बाद से उसका परिवार एक झोपड़ी में रहने को मजबूर है। 

'मुझे पढ़ाई तक बंद करनी पड़ी'
मैरी ने कहा, मोदी जी से मिलने के बाद, सभी ने कहा कि वे हमारी मदद करेंगे। साल बीत गए, लेकिन किसी ने हमारी मदद नहीं की। हमें एक घर चाहिए था। मुझे अपनी पढ़ाई तक बंद करनी पड़ी। 

मैरी का सपना है कि वह एक दिन फुटबॉल में देश का प्रतिनिधित्व करे। वह अब अपने माता-पिता और दो छोटी बहनों के साथ फुटपाथ पर रहती है। मैरी के पिता प्रकाश नायडू एक अस्थायी बीएमसी सफाई कर्मचारी हैं, जो एक अनुबंध के तहत काम करते हैं, जबकि उनकी मां बबीता नायडू एक गृहिणी हैं।