सार
ये हैं तेलंगाना की रहने वालीं 13 साल की मुरिकी पुलकिता हसवी (Muriki Pulakita Hasvi), जिन्होंने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो(Mount Kilimanjaro) को फतह किया है।
हैदराबाद(Hyderabad). 13 साल के बच्चों से खेलने-कूदने और पढ़ने के अलावा और क्या उम्मीद की जा सकती है? लेकिन 13 साल की मुरिकी पुलकिता हसवी (Muriki Pulakita Hasvi) ने सबको चौंका दिया है। मुरिकी ने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो(Mount Kilimanjaro) को फतह किया है। अपनी इस उपलब्धि को हसवी ने न्यूज एजेंसी ANI के जरिये बांटा है। माउंट किलिमंजारो दुनिया का सबसे ऊंचा एकल मुक्त पर्वत है। यहां तीन बड़े निष्क्रिया ज्वालामुखी(Volcano) किबो, मावेंज़ी और शिरा हैं।
अब 6 अन्य चोटियों को फतह करने का जुनून
मुरिकी ने बताया कि यह अनुभव काफी रोमांचक रहा। अब वे दुनिया की 6 अन्य ऊंची चोटियों को फतह करने का सोच रही हैं। मुरिकी ने बताया कि माउंट किलिमंजारो(Mount Kilimanjaro) पर चढ़ाई आसान नहीं है। वहां हर मौसम का हर अच्छा-बुरा मिजाज मिलता है। बता दें कि माउंट किलिमंजारो अफ्रीकी देश तंजानिया में है। यह पर्वत 5,895 मीटर ऊंचा है। हसवी ने किलिमंजारो पर्वत पर चढ़ने की शुरुआत तीन महीने पहले की थी। इस साल अप्रैल में वे एवरेस्ट बेस कैंप तक भी जा चुकी हैं।
एवरेस्ट बेस कैंप के बाद आया विचार
मुरिकी ने बताया कि जब वे एवरेस्ट बेस कैंप(Everest Base Camp) पर पहुंची थीं, तब उनके मन में विचार आया था कि क्यों न दुनिया की सभी सातों ऊंची चोटियों पर चढ़ा जाए। इसके बाद उन्होंने तैयारियां शुरू कीं। मुरिकी कहती हैं कि ऐसे कामों के लिए मानसिकतौर पर भी मजबूत होना जरूरी होता है। इसलिए उन्होंने योग ओर ध्यान का सहारा लिया। अब मुरिकी 2024 से पहले दुनिया की सभी 7 ऊंची चोटियों को फतह करने की तैयारी कर रही हैं। मुरिकी अपनी इस योजना को मूर्तरूप देने जुट गई हैं। मुरिकी कहती हैं कि वे युवा पीढ़ियों को यह नहीं कहतीं कि वे पर्वतारोहण चुनें, लेकिन अपने जीवन में पहाड़ को जीतने के लिए हमेशा तैयार रहें।
इससे पहले 7 साल के बच्चे ने फहराया था तिरंगा
मुरिकी से पहले मार्च, 2021 में हैदराबाद के ही 7 साल के विराट ने किलिमंजारो पर तिंरगा फहराया था। विराट ने चढ़ने की शुरुआत 2 मार्च को की थी। लगातार 5 दिनों तक चढ़ाई करने के बाद वे किलिमंजारो के सबसे ऊंचे प्वॉइंट पर पहुंचे थे। बता दें कि विराट ने पर्वतारोहण की कोई ट्रेनिंग नहीं ली थी। उन्हें सिर्फ इसी ट्रिप के लिए पहली बार ट्रेन किया गया था।
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