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अमेरिका से 31 MQ-9B सी गार्डियन ड्रोन खरीदेगा भारत, चीन से लेकर पाकिस्तान तक की बढ़ेगी परेशानी, जानें इसकी खास बातें
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सौदे की घोषणा नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से बातचीत के बाद कर सकते हैं। MQ-9B सी गार्डियन ड्रोन हथियारों से लैस होंगे। लंबे वक्त तक निगरानी रखने और जरूरत पड़ने पर हमला करने की क्षमता रखने वाले इस ड्रोन से भारत की सैन्य शक्ति बढ़ेगी। दूसरी ओर चीन और पाकिस्तान की परेशानी में इजाफा होगा। इस ड्रोन की मदद से सीमा की निगरानी और मजबूत होगी।
31 सी गार्डियन ड्रोन खरीदने के लिए भारत को 3 बिलियन डॉलर (करीब 24,627 करोड़ रुपए) खर्च करने होंगे। वर्तमान में भारतीय नौसेना नवंबर 2020 में अमेरिका से लीज पर लिए गए दो MQ-9B ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। इसमें कोई हथियार नहीं लगे हैं। इसका इस्तेमाल समुद्री इलाके की निगरानी के लिए होता है।
MQ-9B ड्रोन से चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा की निगरानी में मदद मिलेगी। इसके साथ ही हिंद महासागर की भी निगरानी बढ़ेगी। MQ-9B ड्रोन MQ-9 रीपर का वैरिएंट है। इसी ड्रोन की मदद से अमेरिका ने अलकायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी को मारा था। MQ-9B ड्रोन 5,670 किलोग्राम वजन लेकर उड़ सकता है। यह अपने साथ 2721 किलोग्राम इंधन ले जा सकता है। यह ड्रोन 40 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है।
MQ-9B को लगातार 40 घंटे तक उड़ाया जा सकता है। इसमें बेहद शक्तिशाली कैमरे लगे हैं। दिन हो या रात यह हर वक्त वीडियो भेजता रहता है। इसकी अधिकतम रफ्तार 388 किलोमीटर प्रतिघंटा है। MQ-9B ड्रोन कई तरह के ऑपरेशन में काम आता है। इसकी मदद से जमीन और समुद्री इलाके की निगरानी की जा सकती है। यह पानी में छिपी पनडुब्बी का भी शिकार कर सकता है। इसके साथ ही इसके मदद से समुद्र की सतह पर मौजूद जहाजों पर भी हमला किया जा सकता है।
MQ-9B ड्रोन जमीन पर मौजूद टारगेट पर अटैक करने के काम भी आता है। इसके साथ ही इसे इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। MQ-9B सी गार्जियन में ऑटोमैटिक टेक-ऑफ और लैंडिंग की सुविधा है। इसके चलते इसका इस्तेमाल सुविधाजनक है।