सार
Republic day tableau controversy : गणतंत्र दिवस की झांकी के नाम पर एक बार फिर ममता बनर्जी ने केंद्र की मोदी सरकार को घेरा, हालांकि, इस पर वे खुद घिर गईं। ममता ने केंद्र पर परेड में झांकी शामिल न आरोप लगाया तो ट्विटर पर लोगों ने कहा - बंगाल की झांकी में पौराणिक व्हीलचेयर दिखाई जानी चाहिए।
कोलकाता। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West bengal CM mamta banarjee) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) और केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने बिना नाम लिए कहा- आखिर आपको बंगाल से इतनी एलर्जी क्यों है? आपने बंगाल की झांकी खारिज कर दी।
दरअसल, ममता पश्चिम बंगाल की झांकी को गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल न करने को लेकर केंद्र सरकार को लगातार घेर रही हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार दिल्ली में नेताजी की प्रतिमा बनवा रही है, क्योंकि हमने इसके लिए दबाव डाला था। ममता ने कहा कि हम आज तक नेताजी के ठिकाने के बारे में नहीं जानते। उन्होंने (BJP) ने कहा था कि जब वे सत्ता में आएंगे तब इसके बारे में पता लगाएंगे। इस पर काम करेंगे, लेकिन वास्तव में कुछ नहीं हुआ। ममता ने कहा - अगर बंगाल न होता तो आजादी नहीं मिलती। मुझे इस तथ्य पर गर्व है।
चुनावी व्हीलचेयर को लेकर ट्विटर पर घिरीं
हालांकि, ममता के इन बयानों पर लोगों ने उन्हें आड़े हाथों लिया। लोगों ने कहा कि ममता नेताजी को एक पॉलिटिकल टूल की तरह इस्तेमाल कर रही हैं। एक ट्विटर यूजर ने ममता को क्रेडिट चोर कहा। एक यूजर ने लिखा - बंगाल की झांकी में वह पौराणिक व्हील चेयर दिखाई जानी चाहिए। गौरतलब है कि ममता बनर्जी पूरे विधानसभा चुनावों में व्हीलचेयर पर बैठी रहीं और पैर में फ्रैक्चर होने की बात कही, लेकिन नतीजों के दिन वह व्हीलचेयर से खड़ी हो गई थीं। इसको लेकर लोगों ने उन्हें झूठी और नौटंकीबाज तक कहा था।
10 साल सीएम रहीं, तब नेताजी की याद नहीं आई
भाजपा के आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा- ममता बनर्जी 10 साल तक बंगाल की सीएम रही हैं। इससे पहले कई केंद्रीय सरकारों में महत्वपूर्ण विभागों में रहीं, लेकिन एक बार भी उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विरासत का सम्मान करने के लिए कुछ नहीं किया। मोदी सरकार ने जब यह पहल की तो अचानक ममता को नेताजी सुभाष चंद्र की याद आ गई।
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