सार
डिजिटल इंडिया का प्रभाव देश में जिस तेजी से बढ़ा है उससे 1.4 बिलियन लोगों को प्रभावित किया है।
नई दिल्ली। डिजिटल इंडिया ने भारत के जीवन में काफी बदलाव लाया है। अब बैंकों में लंबी लाइन, किसी सरकारी सेवा या पहचान के लिए फोटो अटेस्ट कराने की भागदौड़ से काफी हद तक निजात मिल चुका है। नया भारत डिजिटल प्लेटफार्म्स का इस्तेमाल कर तेजी अपने मंजिल की ओर बढ़ रहा। हर हाथ तक मोबाइल और इंटरनेट की पहुंच होने के बाद डिजिटल सेवाओं में बूम आ चुका है। नैसकॉम की रिपोर्ट के अनुसार देश के 1.4 बिलियन लोगों का जीवन डिजिटल प्लेटफार्म से किसी न किसी तरह लाभान्वित हुआ है।
आंकड़े कह रहे कहानी, डिजिटल भारत की ओर बढ़ा देश
डिजिटल इंडिया का प्रभाव देश में जिस तेजी से बढ़ा है उससे 1.4 बिलियन लोगों को प्रभावित किया है। आंकड़ों पर अगर गौर करें तो फास्टटैग से अभी तक 192 मिलियन ट्रांजैक्शन हो चुके हैं जबकि 1.3 बिलियन लोग अभी तक आधार जनरेट करा चुके हैं। जुलाई 2021 तक 3.2 बिलियन ट्रांजैक्शन भीम-यूपीआई से हो चुके हैं। जबकि बिल पेमेंट प्लेटफार्म से 50 मिलियन ट्रांजैक्शन हुए हैं।
इसी तरह ई-संजीवनी पर 9 मिलियन ऑनलाइन कंसल्टेशन पूरा हो चुका है तो आईएमपीएस से 3 ट्रिलियन भारतीय रुपये ट्रांसफर हुए हैं। जेम से 1.2 ट्रिलियन वैल्यू की खरीदारी हुई है तो आरोग्य सेतु 198 मिलियन डाउनलोड कर चुके हैं। जीएसटीएन पर 13 मिलियन टैक्सपेयर रजिस्टर्ड हैं तो दीक्षा पर 3.3 बिलियन लर्निंग सेशन्स हो चुके।
माई गॉव पर तीस मिलियन यूजर्स हैं तो उमंग पर 1.7 बिलियन मंथली ट्रांजैक्शन हुआ। राष्ट्रीय कृषि बाजार पर 17 मिलियन रजिस्टर्ड किसान हैं। परिवहन सेवा पर 273 मिलियन वाहन रजिस्टर्ड हैं। एईपीएस से 344 मिलियन ट्रांजैक्शन अप्रूव्ड हुए हैं। डिजीलॉकर में 4.3 बिलियन डॉक्यूमेंटृस हैं। इसी तरह फ्यूचर स्किल प्राइम पर 30 लाख से अधिक पढ़ने वाले एनरोल्ड हुए हैं।
हर क्षेत्र में डिजिटल प्लेटफार्म का भरपूर उपयोग
भारत में डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग हर क्षेत्र में खूब लोकप्रिय हो रहा है। आधार, डिजिलॉकर, बिल पेमेंट जैसे एप यूटिलिटी को सहुलियतें दे रहा तो हेल्थ केयर में ई-संजीवनी, आरोग्य सेतु और कोविन। एजुकेशन के क्षेत्र में स्वयंम, दीक्षा, फ्यूचर स्किल, केआईटीई से सुविधा मिल रहा।
ट्रेवेल ट्रांसपोर्टेशन के क्षेत्र में परिवहन सेवा एप, फास्टटैग, पासपोर्ट सेवा लोगों की जिंदगियों को आसान कर रहा। फाइनेंस व बैंकिंग में जीएसटीएन, भीम-यूपीआई, एईपीएस, आईएमपीएस बेजोड़ है तो कृषि क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय किसान बाजार, एम-किसान काफी उपयोगी साबित हो रहा।
खरीदी के लिए जेम पोर्टल सबसे आसान माध्यम है तो वेलफेयर स्कीम्स को लागू करने में माई गॉव, जागृत त्रिपुरा, जीवन प्रमाण, उमंग, ग्लोबल लिंकर सफल साबित हुए हैं।
राज्य सरकारें भी डिजिटल प्लेटफार्म्स को बढ़ाने में पीछे नहीं
राज्य सरकारें भी डिजिटल प्लेटफार्म्स के प्रमोशन और उस पर डिपेंडेंसी बढ़ाने में पीछे नहीं हैं। तेलंगाना सरकार ने एमएसएमई नेटवर्क प्लेटफार्म ग्लोबल लिंकर से अपने राज्य के उद्यमियों को उड़ान के लिए पंख दिया है। इसी तरह केरल सरकार ने डिजिटल एजुकेशनल प्लेटफार्म केआईटीई को लांच कर यहां के शिक्षा व्यवस्था को क्रांतिकारी बूस्ट दी है।
कर्नाटक सरकार का फार्मर्स ई-गर्वनेंस प्लेटफार्म ने किसानों की जिंदगियों को बदलने में अहम भूमिका निभाया है। तो त्रिपुरा सरकार की जागृत त्रिपुरा से यहां के लोग सरकार की विभिन्न योजनाओं का सीधे लाभ पा रहे हैं।
यह भी पढ़ें:
Taliban ने अमेरिकी सैनिकों के लाखों हथियार लूटे, Pak आतंकी भारत के खिलाफ भी कर सकते हैं इस्तेमाल