सार
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO) रविवार को अपने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के जरिए अंतरिक्ष में 19 उपग्रह लॉन्च किया। इसमें ब्राजील और अमेरिका के उपग्रह भी शामिल हैं। इनकी लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोट स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर(SDSC) से हुई।
श्रीहरिकोटा, आंध्रप्रदेश. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) ने एक और नया इतिहास रच दिया है। ISRO ने रविवार को अपने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के जरिए अंतरिक्ष में 19 उपग्रह लॉन्च किए। इसमें ब्राजील और अमेरिका के उपग्रह भी शामिल हैं। इनकी लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोट स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर(SDSC) से हुई। शनिवार सुबह करीब 8.45 बजे से लॉन्चिंग की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी थी। यह जानकारी इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी51 को लॉन्च किया गया. PSLV-C51 अमेजोनिया-1 और दूसरे 18 सैटेलाइट को लेकर अंतरिक्ष में गया है।
जानें पूरी बात
- भारतीय रॉकेट PSLV-C51 रविवार सुबह 10.24 मिनट पर SDSC से एक लॉन्च पैड के सहारे 19 उपग्रह लेकर रवाना किया गया। इस रॉकेट में 637 किलो के ब्राजीलियाई उपग्रह अमेजोनिया-1 के अलावा 13 अमेरिकी सैटेलाइट भी हैं।
- ISRO के अध्यक्ष के. सिवन ने बताया कि 2021 में भारत का यह पहला अंतरिक्ष अभियान PSLV रॉकेट के लिए काफी लंबा रहा। उन्होंने बताया कि इसकी उड़ान सीमा 1 घंटा 55 मिनट और 7 सेकेंड की है।
- ISRO के अनुसार अगर यह लॉन्चिंग पूरी तरह सफल रही, तो भारत की तरफ से लॉन्च किए गए विदेशी सैटेलाइट की संख्या 342 हो जाएगी।
- ISRO के मुताबिक, ब्राजीलियाई उपग्रह अमेजोनिया-1 की मदद से अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई और ब्राजील में कृषि क्षेत्र से संबंधित अलग-अलग विश्लेषणों के लिए यूजर्स को रिमोट सेंसिंग डेटा मिलेगा।
- बता दें कि इन 18 से 3 सैटेलाइट्स भारतीय शैक्षणिक संस्थानों के संघ यूनिटीसैट्स से हैं। वहीं, चार इन-स्पेस से हैं। शैक्षणिक संस्थानों के उपग्रहों में श्रीपेरंबदुर में स्थित जेप्पिआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नागपुर में स्थित जीएच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और कोयंबटूर में स्थित श्री शक्ति इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी शामिल हैं। एक का निर्माण सतीश धवन सैटेलाइट स्पेस किड्ज इंडिया द्वारा किया गया है और 14 एनएसआईएल से हैं।