नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अभी अपनी आजादी का 75वां सालगिरह मना रहा है। जब हमारी आजादी के 100 साल होंगे तब तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। हमारे पास 25 साल का समय है। लक्ष्य बड़ा है, लेकिन हमें इस चुनौती को स्वीकार करना है। अपने देश को 25 साल में विकसित बनाना है। भारत को गरीबी से मुक्ति मिलेगी तो दूसरे देशों को भी इसकी प्रेरणा मिलेगी।
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| Published : May 28 2023, 06:25 AM IST / Updated: May 28 2023, 01:32 PM IST
नई संसद में बोले नरेंद्र मोदी 25 साल में भारत को बनाना है विकसित राष्ट्र, गुलामी की सोच को पीछे छोड़ रहा देश
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन (New Parliament Building Inauguration) कर दिया है। उद्घाटन कार्यक्रम दो हिस्सों में हो रहा है। पहला हिस्सा सुबह 7:30 बजे से 9 बजे तक चला। उद्घाटन कार्यक्रम का दूसरा चरण दोपहर में शुरू हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूजा के बाद सेंगोल प्राप्त किया और उसे लोकसभा कक्ष में स्थापित किया। इसके बाद दीप प्रज्वलित कर संसद भवन का उद्घाटन किया।
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नरेंद्र मोदी ने कहा, "9 साल भारत में नव निर्माण और गरीब कल्याण के रहे हैं। मुझे पिछले 9 साल में गरीबों के चार करोड़ घर बनने का संतोष है। जब हम इस भव्य इमारत को देख सिर ऊंचा कर रहे हैं तो मुझे पिछले 9 साल में बने 11 करोड़ शौचालय का संतोष है। पिछले 9 साल में हमने गांवों को जोड़ने के लिए 4 लाख किलोमीटर से भी ज्यादा सड़कों का निर्माण किया है। हमने पानी की एक-एक बुंद बचाने के लिए 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों का निर्माण किया है। हमने देश में तीस हजार से ज्यादा नए पंचायत भवन बनाए हैं।"
नरेंद्र मोदी ने कहा, "संसद के पुराने भवन में सभी के लिए अपने काम पूरा करना मुश्किल हो रहा था। बैठने के जगह की चुनौती थी। इसलिए बीते एक-डेढ़ दशक से इस बात की चर्चा हो रही थी कि नए संसद भवन की जरूरत है। आने वाले समय में सांसदों की संख्या बढ़ेगी। यह समय की मांग थी कि संसद की नई इमारत का निर्माण किया जाए। यह भव्य इमारत आधुनिक सुविधाओं से पुरी तरह लैस है।"
पीएम ने कहा, "सैकड़ों साल की गुलामी ने हमसे हमारा गौरव छीन लिया था। एक ऐसा भी समय आया जब हम दूसरे देशों में होने वाले निर्माण देखकर मुग्ध होने लगे। भारत गुलामी की सोच को पीछे छोड़ रहा है। आज भारत प्राचीन काल की उस गौरवशाली धारा को एक बार फिर अपनी तरफ मोड़ रहा है। संसद की यह नई इमारत इस प्रयास का प्रतीक बनी है। नए संसद को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा है।"
पीएम बोले "नए रास्तों पर चलकर ही नए प्रतिमान गढ़े जाते हैं। आज नया भारत नए लक्ष्य तय कर रहा है। नए रास्ते बना रहा है। नया जोश है, नया उमंग है, नया सफर है, नई सोच है। आज पूरा विश्व भारत को आदर और उम्मीद के भाव से देख रहा है। जब भारत आगे बढ़ता है तो विश्व आगे बढ़ता है। संसद का यह नया भवन भारत के विकास से विश्व के विकास का भी आह्वान करेगा।"
नरेंद्र मोदी ने कहा, "देश की विकास यात्रा में कुछ पल अमर हो जाते हैं। 28 मई का दिन देश के लिए बड़ा शुभ अवसर है। ये सिर्फ एक भवन नहीं है। ये 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है। ये विश्व को भारत के दृढ़ संकल्प के संदेश देता है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर 75 रुपए का सिक्का और डाट टिकट जारी किया।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने नए संसद भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश पढ़ा। राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा, "संसद के नए भवन के उद्घाटन का यह महान अवसर भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज रहेगा। इस अवसर पर यह संदेश भेजते हुए मुझे अपार खुशी हो रही है। नए संसद भवन का उद्घाटन पूरे भारत के लोगों के लिए गौरव का अवसर है। संसद समृद्ध लोकतांत्रिक परंपराओं का प्रकाश स्तंभ है। बीते 7 दशकों के दौरान हमारी संसद अनेक परिवर्तनकारी प्रयासों की धूरी रही है। संसद ने ऐसे कई बदलाव किए हैं, जिससे करोड़ों लोगों के जीवन को संवारना संभव हुआ है। नए संसद भवन का उद्घाटन हमारी लोकतांत्रिक यात्रा में एक अहम पड़ाव है।"
हरिवंश ने उपराष्ट्रपति का संदेश पढ़ा। उपराष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा कि यह गौरवशाली भवन नया इतिहास लिखेगा। नई संसद गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का प्रतीक है। नया संसद भवन लोकतंत्र का पालना है।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में 2.5 साल से भी कम समय में एक नई आधुनिक संसद का निर्माण किया गया। यह दिन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह अमृतकाल में प्रेरणा का स्रोत साबित होगा। हरिवंश के भाषण के बाद ‘संसद का नव निर्मित भवन’ और ‘सेंगोल’ नाम की दो लघु फिल्मों को दिखाया गया।
नई संसद के उद्घाटन कार्यक्रम के दूसरे चरण की शुरुआत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई संसद पहुंचे तो वहां मौजूद लोगों ने खड़े होकर और तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रगान हुआ।
नई संसद के उद्घाटन के बाद नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया ,"जैसे ही भारत की संसद के नए भवन का उद्घाटन हुआ है, हमारे दिल और दिमाग गर्व, आशा और उम्मीद से भर गए हैं। यह प्रतिष्ठित इमारत सशक्तिकरण, सपनों को जगाने और उन्हें हकीकत में बदलने का उद्गम स्थल हो। यह हमारे महान राष्ट्र को प्रगति की नई ऊंचाइयों तक ले जाए।"
सर्व धर्म प्रार्थना के बाद नरेंद्र मोदी संसद भवन का निर्माण करने वाले लोगों के पास पहुंचे। उन्होंने उनसे बातचीत की। पीएम ने कार्यक्रम में आए संतों को प्रणाम किया। इसके बाद वह पुराने संसद भवन की ओर गए।
प्रधानमंत्री ने नई संसद भवन का निर्माण करने वाले कर्मियों को सम्मानित किया। उन्होंने सभी को चादर व प्रशस्ति पत्र भेंट किया। इसके बाद सर्व धर्म प्रार्थना शुरू हुई।
लोकसभा कक्ष में सेंगोल स्थापित करने के बाद नरेंद्र मोदी ने दीप प्रज्वलित कर नई संसद का उद्घाटन किया। उनके साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी दीप प्रज्वलित किया। इसके बाद उन्होंने शिलाओं पर लगाए गए पर्दे को हटाकर औपचारिक रूप से नई संसद का उद्घाटन किया।
नरेंद्र मोदी ने हाथ जोड़कर प्रमाण की मुद्रा में सेंगोल को पकड़ा हुआ था। लोकसभा कक्ष में पहुंचकर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के बगल में सेंगोल को स्थापित किया। इस दौरान ओम बिड़ला उनके साथ मौजूद रहे।
पूजा के बाद नरेंद्र मोदी ने सेंगोल प्राप्त कर लिया है। इससे पहले उन्होंने सेंगोल को दंडवत प्रणाम किया। सेंगोल लेकर नरेंद्र मोदी ने पूजा स्थल पर मौजूद साधु संतों से आशीर्वाद लिया। इसके बाद वह संतों के साथ संसद भवन पहुंचे।
नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले पूजा के लिए नरेंद्र मोदी धोती कुर्ता पहनकर आए हैं। कुर्ता के ऊपर उन्होंने जैकेट पहना है। पूजा शुरू हो गई है। पूजा के लिए नरेंद्र मोदी के साथ ओम बिड़ला भी बैठे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन पहुंच गए हैं। उन्होंने गेट पर ही अपनी गाड़ी छोड़ दी और पैदल चलते हुए कार्यक्रम स्थल तक पहुंचे। लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने उनका स्वागत किया। इसके बाद नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए।
संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने वाले VIP पहुंचना शुरू हो गए हैं। नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि आज हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। आजादी के बाद दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र को देश में बनी नई संसद मिल रही है।