सार
अगले कुछ महीने में होने जा रहे पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस(TMC) में सेंध मारी कर रखी है। इस बीच ममता बैनर्जी बीरभूम से सांसद शताब्दी रॉय को मनाने में सफल रही हैं। उनके भाजपा में जाने की अटकलें थीं। इस बीच शिवसेना ने भी बंगाल में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उधर, कांग्रेस और वाम मोर्चा सीटों के बंटवारे पर फैसला नहीं कर पाई है।
कोलकाता, पश्चिम बंगाल. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को लेकर जबर्दस्त सियासी घमासान मचा हुआ है। भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस(TMC) में सेंध मारी कर रखी है। इस बीच TMC के लिए एक अच्छी खबर है कि बीरभूम से उनकी सांसद शताब्दी रॉय का गुस्सा ठंडा पड़ गया है। वे कई दिनों से नाराज चल रही थीं। उन्हें पार्टी ने बंगाल यूनिट का वाइस प्रेसिडेंट बना दिया है। एक न्यूज एजेंसी ने रविवार को इसकी जानकारी दी। माना जा रहा था कि वे भाजपा के संपर्क में हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पार्टी के खिलाफ कुछ बयान भी दिए थे। हालांकि रॉय हमेशा इस बात से इनकार करती रहीं कि वे भाजपा में जा रही हैं। इसी बीच शिवसेना ने रविवार को बंगाल में इलेक्शन लड़ने का ऐलान कर दिया है। पहले पढ़ें TMC की कहानी...
कार्यक्रमों में नहीं बुलाए जाने से नाराज थीं
बंगाली फिल्मों की हीरोइन नहीं शताब्दी रॉय ने पिछले दिनों सोशल मीडिया के जरिये अपने क्षेत्र की जनता से कहा था कि वे उनसे मिलना चाहती हैं। लेकिन उन्हें कार्यक्रमों में बुलाया नहीं जाता। इससे वे दु:खी हैं। शताब्दी ने आरोप लगाया था कि उन्हें कार्यक्रमों की जानकारी तक नहीं दी जाती। हालांकि शुक्रवार देर रात रॉय ने मीडिया से कहा था कि उनकी ममता बैनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से बात हुई है। बता दें कि 19 दिसंबर को ममता बैनर्जी के खास माने जाते रहे पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने भाजपा ज्वाइन कर ली थी। यही नहीं, सांसद सुनील मंडल, पूर्व सांसद दशरथ तिर्की और 10 MLA ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था। इनमें पांच विधायक तृणमूल कांग्रेस के ही थे।
शिवसेना का बंगाल की ओर कूच
इस बीच शिवसेना ने रविवार को ऐलान कर दिया कि वो भी चुनाव मैदान में उतरेगी। पार्टी प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद सीनियर लीडर संजय राउत ने बताया कि वे जल्द कोलकाता पहुंच रहे हैं। इससे पहले AIMIM भी बंगाल में चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। अब शिवसेना ने ममता के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। बता दें कि 30 मई को ममता बैनर्जी का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है।
(बायें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और वाम मोर्चे से विमान बोस)
सीटों के बंटवारे में उलझी कांग्रेस-वाम
चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और वाम मार्चा के बीच बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। सीटों के बंटवारे के लिए बंगाल कांग्रेस को हाईकमान से 31 जनवरी तक की मोहलत मिली है। रविवार को रिपन स्ट्रीट स्थित क्रांति प्रेस में बैठक हुई। इसमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी, पूर्व सांसद प्रदीप भट्टाचार्य और विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान मौजूद थे। वहीं, वाममोर्चा के घटक दलों के साथ विमान बोस उपस्थित रहे। राज्य विधानसभा की 294 सीटों में से कौन-कहां से लड़ेगा, इस पर सहमति नहीं बन सकी। कांग्रेस 130 सीटें चाहती है। पिछली बार वो 92 सीटों पर गठबंधन से लड़ी थी।