सार
कोरोना महामारी के बीच अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम आदमी के लिए 3 बड़ी घोषणाएं की। पहली घोषणा पीएफ से जुड़ी हुई, दूसरी टीडीएस और तीसरी इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख को लेकर की।
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बीच अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम आदमी के लिए 3 बड़ी घोषणाएं की। पहली घोषणा पीएफ से जुड़ी हुई, दूसरी टीडीएस और तीसरी इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख को लेकर की। बता दें कि पीएम मोदी ने मंगलवार को देश के नाम संबोधन में आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा की थी, आज वित्त मंत्री ने उन्हीं राहत पैकेज का वर्गीकरण किया।
काम की खबर नंबर 1- प्राइवेट में नौकरी करने वालों की बढ़कर आएगी सैलरी
सबसे बड़ी राहत प्राइवेट में काम करने वाले लोगों के लिए है। सरकार ने पीएफ कंट्रीब्यूशन को 12% से घटाकर 10% कर दिया है। यह तीन महीने के लिए होगा। यह फायदा केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों को नहीं मिलेगा। उनका पीएफ पहले की तरह 12% ही कटेगा। यह लाभ उन कर्मचारियों के लिए होगा, जो गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत नहीं आते हैं। इससे करीब 4.3 करोड़ कर्मचारियों को फायदा होगा। इससे कर्मचारियों और कंपनियों को 6750 करोड़ अतिरिक्त रुपए मिलेंगे। लेकिन जो 15,000 से कम वेतन पाते हैं उनके लिए यह स्कीन नहीं है।
उदाहरण- जैसे कि मान लें किसी के बेसिक सैलरी 20 हजार रुपए है। सैलरी से 12% पीएफ कटता है। 12% कंपनी अपनी तरफ से जमा करती है। 2400 आपका और कंपनी 2400 कटती है। अब सिर्फ 10 % कटेगा। तो कुल 400 रुपए आपके खाते में बढ़कर आएंगे।
15 हजार से कम वेतन पाने वालों का सरकार भरेगी पीएफ
वित्त मंत्री ने बताया, पिछले गरीब कल्याण पैकेज के दौरान तीन महीने तक सरकार ने कर्मचारी और कंपनी की ओर से ईपीएफ जमा करने का फैसला किया था। अब इसे 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके लिए सरकार 2500 करोड़ रुपए जारी करेगी। इसका लाभ 3.67 लाख कंपनियों और 72 लाख कर्मचारियों को होगा। यह लाभ 15,000 से कम वेतन पाने वाले लोगों को होगा।
काम की खबर नंबर 2- सरकार ने टीडीएस में 25% की कटौती की
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टीडीएस (TDS) में 25% की कटौती की है। उन्होंने कहा, कल से अगले साल तक टीडीएस और टीजीएस के लिए 25% की छूट दी जा रही है जो कि अगले साल 31 मार्च 2021 तक जारी रहेगी। इससे 50 हजार करोड़ रुपए का फायदा होगा। यह सभी पेमेंट पर लागू होगा चाहे वह कमीशन हो, ब्रोकरेज हो या कोई अन्य पेमेंट। अगर किसी व्यक्ति को कोई आय होती है तो उस आय से टैक्स काटकर अगर व्यक्ति को बाकी रकम दी जाये तो टैक्स के रूप में काटी गई रकम को टीडीएस कहते हैं। सैलरी इनकम से TDS काटने की कोई अलग दर नहीं है। यह दर इनकम टैक्स स्लैब पर निर्भर करती है जिसमें कोई कर्मचारी आता है।
काम की खबर नंबर 3- इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख बढ़ाई गई
वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख (वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए) 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गई है। टैक्स ऑडिट की डेट भी अब 30 सितंबर की जगह 31 अक्टूबर कर दी गई है।