सार
कोरोना महामारी के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवासी मजदूरों के लिए कई घोषणाएं कर राहत देने की कोशिश की, लेकिन कुल घोषणाओं में से कुछ ही प्रवासी मजदूरों को तत्काल राहत पहुंचा पाएंगी। जैसे की प्रवासी मजदूरों के लिए दो महीने तक फ्रीम में खाना मिलेगा।
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवासी मजदूरों के लिए कई घोषणाएं कर राहत देने की कोशिश की, लेकिन कुल घोषणाओं में से कुछ ही प्रवासी मजदूरों को तत्काल राहत पहुंचा पाएंगी। जैसे की प्रवासी मजदूरों के लिए दो महीने तक फ्रीम में खाना मिलेगा। शेल्टर होम की व्यवस्था होगी। लेकिन कई घोषणाएं ऐसी हैं, जिनका लाभ उन्हें तुरन्त नहीं मिलेगा। जैसे निर्मला सीतारमण ने वन नेशन, वन राशन और रेंटल हाउसिंग स्कीम की घोषणा की, लेकिन इन योजनाओं से उन्हें तुरन्त राहत नही मिलेगी, और अभी प्रवासी मजदूरों की जो हालत है उसमें उन्हें तुरन्त राहत की सबसे ज्यादा जरूरत है।
प्रवासी मजदूरों को तुरन्त राहत देने वाली घोषणाएं
1- वित्त मंत्री ने कहा, प्रवासी मजदूर और शहरी गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए आपदा राहत फंड के माध्यम से 11000 करोड़ से अधिक की राशि राज्यों को उपलब्ध करवायी गई।
2- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवासी मजदूरों के लिए घोषणा की कि जो मजदूर बेघर हैं उनके लिए शेल्टर होम की व्यवस्था की जाएगी।
3- सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए 2 महीने तक फ्री में राशन की व्यवस्था की है। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि प्रवासी मजदूरों के लिए प्रति व्यक्ति 5-5 किलो गेहूं या चावल और एक किलो चना प्रति परिवार दिया जाएगा।
4- जो मजदूर अपने घर लौट चुके हैं, उनके लिए उनके शहर में ही काम की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए वित्त मंत्री ने कहा, इस पर अब तक 10 हजार कोरड़ रुपए खर्च हुए हैं। 1.87 हजार ग्राम पंचायतों में काम हुआ है। जो मजदूर घर लौट चुके हैं, वे वहीं पर रजिस्टर कर काम ले सकते हैं। मनरेगा के तहत मजदूरी 182 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए कर दी गई है।
5- वित्त मंत्री ने कहा, इस आपदा के वक्त 12000 सेल्फ हेल्प ग्रुप्स ने 3 करोड़ मास्क बनाए हैं। 1.20 लाख लीटर सैनिटाइजर बना गया है। इससे भी ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार मिला है।
प्रवासी मजदूरों को भविष्य में मिलने वाले फायदे
1- प्रवासी मजदूरों के लिए पीएम आवास योजना के तहत रेंटल हाउसिंग स्कीम का ऐलान किया। वित्त मंत्री ने कहा कि फैक्ट्री या वर्क प्लेस के पास ही मकान बनवाएं जाएंगे, जहां फैक्ट्री में काम करने वाला मजदूर कम किराया देकर रह सकता है। इस योजना में उद्योगपति भी मदद कर सकते हैं। जहां पर फैक्ट्री है, उसके आस-पास मकान बनवाकर मजदूरों को कम दाम पर रेंट पर दें, इसमें सरकार उन्हें रियायत देगी। इसके अलावा दूसरे राज्यों की सरकारों से भी बता की जाएगी कि वह अपने राज्य के उन लोगों के फैक्ट्री के आस-पास आवास बनाकर उनकी मदद करें। इसके अलावा जो घर अब बने हैं या फिर आगे बनेंगे, वहां पर मजदूरों को कम रेंट में मकान मिलेगा।
2- वन नेशन वन राशन कार्ड' की योजना हम लाने वाले हैं। इसके लिए मार्च 2021 तक लक्ष्य रखा गया है। इससे किसी भी राज्य में मजदूरों को राशन मिल सकेगा। इससे करीब 67 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा।
3- मजदूरों को न्यूनतम वेतन मिल सके, इसके लिए भी कोशिश की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि न्यूनतम वेतन का लाभ 30% वर्कर उठा पाते हैं। समय पर उन्हें पैसा नहीं मिलता। गरीब से गरीब मजदूर को भी न्यूनतम वेतन मिले और क्षेत्रीय असामनता दूर हो इसके लिए कानून बनाया जाएगा।
4- असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों का साल में एक बार मेडिकल चेकअप होगा। सभी कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र मिलेंगे। असंगठित क्षेत्रों में छोटे और सीमांत किसान, भूमिहीन खेतिहर मजदूर, हिस्सा साझा करने वाले, मछुआरे, पशुपालक, बीड़ी रोलिंग करने वाले, ईंट भट्टों और पत्थर खदानों में लेबलिंग और पैकिंग करने वाले, निर्माण और आधारभूत संरचनाओं में कार्यरत श्रमिक, चमड़े के कारीगर, बुनकर, कारीगर, नमक मजदूर, तेल मिलों आदि में कार्यरत श्रमिक इस श्रेणी में आते हैं।