सार
नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत के कश्मीर के बारे में दिए गए बयान पर विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने अपनी सफाई में कहा है कि उनके बयान को गलत संदर्भ में उद्घृत किया गया और अगर उनकी बात से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो वह माफी चाहते हैं।
नई दिल्ली. नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत के कश्मीर के बारे में दिए गए बयान पर विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने अपनी सफाई में कहा है कि उनके बयान को गलत संदर्भ में उद्घृत किया गया और अगर उनकी बात से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो वह माफी चाहते हैं। सारस्वत ने गुजरात के गांधीनगर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बंद रहने का देश की अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ा है क्योंकि वहां के लोग ऑनलाइन गंदी फिल्में देखने के अलावा और कुछ नहीं करते थे।
रक्षा शोध और विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व महानिदेशक ने पीटीआई भाषा को बताया कि उन्होंने मीडिया से “गंदी फिल्मों” के बारे में नहीं कहा था और कहा कि उन्हें गलत तरीके से उद्घृत किया गया है। उन्होंने कहा कि वह छात्रों से तकनीक और 5जी संचार से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर बात कर रहे थे।
जरूरी है इंटरनेट
उन्होंने आगे कहा, “बातचीत के दौरान किसी ने कश्मीर के बारे में पूछा और मैंने कहा- हां इंटरनेट जरूरी है और इस बारे में मैं सभी कश्मीरियों की भावनाओं का सम्मान करता हूं कि उन्हें इंटरनेट मिलना चाहिए और इस तथ्य से सहमत हूं कि उनके पास आजादी होनी चाहिए।” उन्होंने कहा, “लेकिन कभी-कभी सरकारों को कानून-व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखने के लिए कदम उठाने पड़ते हैं और कभी-कभी इंटरनेट बंद करना पड़ता है। उसके बाद बात खत्म हो गई और हमने दूसरे कई विषयों पर बात की। कई बातों में से उन्होंने इस बेतुकी बात को चुन लिया। मुझे गलत तरीके से उद्घृत किया गया। मुझे संदर्भ से अलग गलत ढंग से उद्धृत किया गया।”
उन्होंने कहा, “चूंकि मुझे मीडिया ने गलत ढंग से उद्धृत किया है, इसलिए अगर इस विषय में कश्मीरी लोगों या किसी भी भी भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं उसके लिए माफी मांगता हूं।”
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)