सार
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) परिषद की बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि राज्यों के जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए केंद्र सरकार बाजार से कर्ज नहीं उठा सकती है क्योंकि इससे बाजार में कर्ज की लागत बढ़ सकती है।
नई दिल्ली. गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) परिषद की बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि राज्यों के जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए केंद्र सरकार बाजार से कर्ज नहीं उठा सकती है क्योंकि इससे बाजार में कर्ज की लागत बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि राज्यों के जीएसटी राजस्व में आने वाली कमी की भरपाई के तौर तरीकों को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बैठक में राज्यों ने कुछ स्पष्टीकरण मांगे थे, जिनका जवाब दे दिया गया। ज्यादातर स्पष्टीकरण अटॉर्नी जनरल की उधारी पर राय, जीएसटी परिषद के पांच साल से अधिक के उपकर संग्रह को बढ़ाने के अधिकार को लेकर थे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि असहमति जताने वाले नौ राज्यों का कहना है कि केंद्र को स्वयं उधार लेना चाहिए। हालांकि राज्यों के जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए केंद्र सरकार बाजार से कर्ज नहीं उठा सकती है क्योंकि इससे बाजार में कर्ज की लागत बढ़ सकती है। हालांकि कुल मिलाकर 21 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश उधार लेने के लिए सहमत हो गए हैं।
मतभेद वाले मामले पर नहीं बनी कोई सहमति
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ''मुआवजे का भुगतान करने के लिए उपकर का संग्रह पर्याप्त नहीं है। यह सभी के लिए बिल्कुल स्पष्ट है और क्योंकि यह ऐसी चीज है जिसकी कभी कल्पना नहीं की गई थी, कमी अब उधार लेकर पूरी की जाएगी। जिन पर मतभेद थे, उन मामले पर कोई सहमति नहीं बन सकी। जीएसटी परिषद निश्चित रूप से उपकर, उपकर के संग्रह, उपकर को एकत्रित करने की अवधि को बढ़ा सकता है।''
73 हजार करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार सुबह 73,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। इसमें केंद्र सरकार के कर्मचारियों को वेतन का अग्रिम भुगतान और एलटीसी के एवज में नकद वाउचर देना शामिल है। इसका मकसद कोरोना वायरस संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए त्यौहारी मौसम में निवेश और मांग को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार और पब्लिक एंटरप्राइजेस के कर्मचारियों को एलटीसी भत्ता और अग्रिम वेतन के भुगतान पर 11,575 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्हें यह राशि 31 मार्च से पहले गैर-अनिवार्य वस्तुओं की खरीद की शर्त पर दी जाएगी।