सार

बिहार के समस्तीपुर में गोभी का उचित मूल्य नहीं मिलने से एक किसान इतना टूट गया कि उसने लहलहाती फसल पर ट्रैक्टर चला दी। किसान के मुताबिक उसे गोभी का मंडी में 1 रूपए प्रति किलो भी मूल्य नहीं मिल रहा था।

समस्तीपुर. बिहार के समस्तीपुर में गोभी का उचित मूल्य नहीं मिलने से एक किसान इतना टूट गया कि उसने लहलहाती फसल पर ट्रैक्टर चला दी। किसान के मुताबिक उसे गोभी का मंडी में 1 रूपए प्रति किलो भी मूल्य नहीं मिल रहा था। जिससे वह इतना परेशान हो गया था कि उसने खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। किसान ने कहा कि दूसरी बार उसकी फसल बर्बाद हुई है, इससे पहले भी उसकी फसल को कोई खरीदने वाला नहीं था।

बिहार के समस्तीपुर जिले के मुक्तापुर के किसान ओम प्रकाश यादव का कहना है कि गोभी की खेती में चार हजार रुपये प्रति कट्ठा का खर्च है और यहां मंडी में एक रुपये किलो भी नहीं बिक रहा है। ओम प्रकाश के मुताबिक पहले तो गोभी को मजदूर से कटवाना पड़ता है, फिर बोरा देकर पैक करवाना होता है और ठेले से मंडी पहुंचाना पड़ता है, लेकिन वहां आढ़तिए एक रुपये प्रति किलो भी गोभी की फसल खरीदने को तैयार नहीं है। मजबूरन उसे अपनी फसल पर ट्रैक्टर चलवाना पड़ रहा है।

अब करेंगे गेहूं की खेती 
किसान ओम प्रकाश यादव ने कहा कि अब वे इस जमीन पर गेंहू रोपेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार से एक रुपया लाभ नहीं मिल रहा है। इससे पहले उनका काफी गेहूं खराब हो गया था तो सरकार से एक हजार 90 रुपया का मुआवजा मिला था। इस किसान ने कहा कि वह 8 से 10 बीघे में खेती करते हैं और सरकार की ओर से एक हजार रुपया क्षतिपूर्ति मिलता है।

गोभी की फसल में मूलधन भी नहीं आ रहा वापस 
किसानों का कहना है कि जितने रुपये खर्च कर के वो गोभी को मंडी लेकर जाएंगे वहां पर उसका मूल धन भी वापस नहीं होने वाला है। लिहाजा फसल को खेत में ही नष्ट कर देना सही है। खेत में ट्रैक्टर चलाते देखकर आस-पास के लोग खेत पहुंच गए और खेत से गोभी उठाकर घर ले गए। अपनी फसल की कीमत न पाने वाला किसान फिलहाल लोगों को अपनी गोभी ले जाता देखकर ही संतुष्ट था। इस किसान ने कहा कि ये सब गांव के लोग और मजदूर हैं, सब्जी खाकर खुश होंगे।