सार
कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) आज से फिर से चलेगी। यह ट्रेन शु्क्रवार को हादसे का शिकार हुई थी। इस हादसे में 288 लोगों की मौत हुई और एक हजार से ज्यादा घायल हुए हैं।
नई दिल्ली। भारत में हाल के इतिहास के सबसे बड़े रेल हादसे (Odisha Train Accident) का शिकार होने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) बुधवार से फिर से पटरी पर दौड़ने लगी है। दोपहर तीन बजकर बीस मिनट पर यह ट्रेन पश्चिम बंगाल के शालीमार स्टेशन से चेन्नई के लिए रवाना हुई।
शुक्रवार की शाम करीब सात बजे यह बदकिस्मत ट्रेन हादसे का शिकार हुई थी, जिससे 288 लोगों की मौत हो गई है। रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आदित्य कुमार चौधरी ने कहा, "कोरोमंडल एक्सप्रेस बुधवार से अपनी सेवाएं फिर से शुरू करने के लिए तैयार है।"
मालगाड़ी से टकरा गई थी शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस
दरअसल, ट्रेन हादसा 2 जून को हुआ था। ओडिशा के बालासोर जिले के बहानागा रेलवे स्टेशन के पास शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस (Shalimar-Chennai Coromandel Express) की टक्कर पटरी पर खड़ी मालगाड़ी से हो गई थी। इसके चलते कोरोमंडल एक्सप्रेस के 10-12 डिब्बे पटरी से उतर गए और दूसरे ट्रैक में चले गए। इसके बाद यशवंतपुर- हावड़ा एक्सप्रेस कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों से टकरा गई और उसके डिब्बे भी पटरी से उतर गए।
ओडिशा सरकार ने बताया ट्रेन हादसे में हुई 288 लोगों की मौत
ओडिशा सरकार ने मंगलवार को ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या में संसोधन किया है। राज्य सरकार ने बताया है कि बालासोर ट्रेन हादसे (Balasore Train Accident) में 288 लोगों की मौत हुई है। मुख्य सचिव पीके जेना ने कहा कि सोमवार तक 275 मौतों की पुष्टि की गई थी। शवों के सत्यापन के बाद आंकड़ा बढ़कर 288 हो गया। अब तक कुल 288 में से 205 शवों की पहचान कर उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। शेष 83 शवों को पहचान के लिए एम्स-भुवनेश्वर और अन्य अस्पतालों में रखा गया है।
जेना ने कहा, "हमें सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबरों पर कई सवाल मिले हैं। हमें उम्मीद है कि सभी शवों की पहचान कर ली जाएगी। राज्य सरकार घायलों के इलाज और शवों को परिजनों के साथ उनके घर तक पहुंचाने का खर्च उठा रही है।