सार
‘एक देश एक चुनाव’ को साकार करने के लिए केंद्र सरकार तीन विधेयक पेश कर सकती है। लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव एक साथ कराने के उद्देश्य से इन विधेयकों को लाया जा रहा है।
नई दिल्ली: महत्वाकांक्षी ‘एक देश एक चुनाव’ को साकार करने की दिशा में केंद्र सरकार तीन विधेयक पेश कर सकती है। इनमें से 2 संवैधानिक संशोधन विधेयक होंगे। इसमें से एक के लिए आधे राज्यों की अनुमति अनिवार्य है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के संबंध में संविधान की धारा 82 में संशोधन करने वाला पहला विधेयक होगा। इसी विधेयक के जरिए संविधान के अनुच्छेद 83(2) में भी संशोधन किया जाएगा। इस विधेयक के लिए राज्यों की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
लोकसभा और विधानसभा चुनावों के साथ ही स्थानीय निकायों के चुनाव कराने के संबंध में सरकार को दूसरा विधेयक पेश करना होगा। इस विधेयक के लिए आधे राज्यों की सहमति जरूरी होगी।
केंद्र शासित प्रदेश होने के बावजूद विधानसभाएं रखने वाले पुडुचेरी, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर की विधानसभाओं का कार्यकाल देश की अन्य विधानसभाओं और लोकसभा के साथ समायोजित करने के लिए तीसरा संशोधन पेश किया जाएगा। इसके लिए संविधान में किसी तरह का बदलाव करने की जरूरत नहीं होगी। राज्यों की अनुमति की भी आवश्यकता नहीं होगी।