सार

संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद अब धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होना है लेकिन धन्यवाद प्रस्ताव के बीच विपक्ष ने नीट पेपर लीक का मुद्दा उठाने का निर्णय लिया है।

 

18th Lok Sabha first session: नीट-यूजी पेपर लीक मामले में देश के युवाओं में विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है। नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं की गूंज शुक्रवार को संसद में उठेगी। विपक्ष ने कहा कि वह संसद में मुद्दा उठाएगा। दरअसल, संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद अब धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होना है लेकिन धन्यवाद प्रस्ताव के बीच विपक्ष ने नीट पेपर लीक का मुद्दा उठाने का निर्णय लिया है। माना जा रहा है कि विपक्ष दोनों सदनों में इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। हालांकि, सत्तापक्ष की ओर से दावा किया जा रहा है कि वह जवाब के लिए तैयार है।

सरकार का यह है कहना?

नीट पेपर लीक मुद्दे पर सरकार का कहना है कि उसने तेजी से कार्रवाई की है। सीबीआई को मामला सौंपने के पहले ही एक हाईलेवल कमेटी का गठन कर दिया गया था। सीबीआई एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह को हटा दिया गया है। कार्यभार दूसरे को सौंप दिया गया है। इस सत्र में धोखाधड़ी और पेपर लीक के खिलाफ सख्त नियम लागू होने जा रहे हैं। कानून के तहत दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मजबूत एजुकेशन सिस्टम की एक नींव रखी जा रही है। सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि अगर विपक्ष सदन में मुद्दा उठाएगा तो शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जवाब देंगे।

सदन में पहले दिन से ही छाया हुआ है नीट पेपर लीक

दरअसल, 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन से सदन में नीट मुद्दा छाया हुआ है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जब सांसद पद का शपथ लेने पहुंचे तो विपक्ष ने नीट-नीट कहकर काफी जोरदार तरीके से हूटिंग की है। निर्दलीय सांसद पप्पू यादव तो री-नीट का टीशर्ट पहन कर शपथ लेने पहुंचे थे। शपथ के बाद उन्होंने वहीं नीट सहित कई मुद्दे उठा दिए। उधर, गुरुवार को संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अभिभाषण में भी NEET पर भारी विवाद उठा। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सरकार निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि लोकसभा चुनाव का जनादेश प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार है। विपक्ष उन्हें हर दिन इसकी याद दिलाएगा।

लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन

NEET पेपर लीक को लेकर पूरे देश में भारी जनाक्रोश है। करीब 24 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने मेडिकल में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा दी है। पेपर लीक व अन्य गड़बड़ियों की वजह से नीट का मुद्दा परीक्षा के पहले से ही हावी है। रिजल्ट घोषित होने के बाद पूरे देश में लाखों युवक-युवतियां सड़कों पर उतर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। आलम यह कि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, शुरूआत में पेपर लीक को नकारते रहे लेकिन जनदबाव के बाद उन्होंने जांच के लिए हाईलेवल कमेटी का गठन किया। बिहार और कई राज्यों में बड़े रैकेट का भंड़ाफोड़ होने के बाद मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया गया। बिहार पुलिस ने भी पेपर लीक मामले में दो दर्जन के आसपास अरेस्ट किए हैं। अब सीबीआई ने भी जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को सीबीआई ने पटना में दो गिरफ्तारियां की है।

एनटीए बंद करने की मांग

उधर, गुरुवार की दोपहर में कांग्रेस की छात्र शाखा NSUI ने NEET परीक्षा आयोजित करने वाली NTA (राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी) के कार्यालय में घुसकर इसे बंद करने की मांग की। यह विरोध प्रदर्शन यूथ कांग्रेस द्वारा संसद के पास किए गए विरोध प्रदर्शन के तुरंत बाद हुआ।

कांग्रेस के राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा शासित राज्य "पेपर लीक का केंद्र" बन गए हैं। राहुल ने 15 साल पहले मध्य प्रदेश में हुए व्यापम घोटाले की ओर इशारा किया जिसमें सरकारी नौकरियों के लिए प्रवेश परीक्षाओं में भारी अनियमितताएं शामिल थीं। उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल परीक्षा में पेपर लीक का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वहां से यह सभी भाजपा शासित राज्यों में फैल गया है।

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