दुनिया का दूसरा सबसे संक्रमित देश बना भारत कोरोना को हराने युद्धस्तर पर जुटा हुआ है। इसमें दुनियाभर के मित्र देश मदद को आगे आए हैं। चाहे ऑक्सीजन कमी हो या दवाइयों, वेंटिलेटर या अन्य मेडिकल इक्विपमेंट्स की बात; दुनियाभर से भारत को मदद पहुंचने लगी है। उम्मीद जताई जा रही है कि कुछ दिनों मे देशभर से ऑक्सीजन और मेडिकल से जुड़ीं अन्य दिक्कतें दूर हो जाएंगी। बता दे कि पिछले 24 घंटे में एक बार फिर रिकॉर्ड 3,79,164 नए केस आए। इनमें अब तक कि सबसे अधिक 3,646 मौतें हुईं। यह अच्छी बात है कि संक्रमण की स्पीड के साथ ही रिकवरी रेट भी बढ़ती जा रही है।
नई दिल्ली. कोरोन संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत की इस लड़ाई में अब दुनियाभर के मित्र देश मदद को आगे आए हैं। चाहे ऑक्सीजन कमी हो या दवाइयों, वेंटिलेटर या अन्य मेडिकल इक्विपमेंट्स की बात; दुनियाभर से भारत को मदद पहुंचने लगी है। उम्मीद जताई जा रही है कि कुछ दिनों मे देशभर से ऑक्सीजन और मेडिकल से जुड़ीं अन्य दिक्कतें दूर हो जाएंगी। बता दे कि पिछले 24 घंटे में एक बार फिर रिकॉर्ड 3,79,164 नए केस आए। इनमें अब तक कि सबसे अधिक 3,646 मौतें हुईं। यह अच्छी बात है कि संक्रमण की स्पीड के साथ ही रिकवरी रेट भी बढ़ती जा रही है। एक दिन में 2,70,202 लोग ठीक हुए हैं। इससे पहले मंगलवार को 2,62,039 लोग ठीक हुए थे। अब तक कुल 1,50,78,276 लोग रिकवर हो चुके हैं।
ऑक्सीजन और अन्य सुविधाओं का UPDATE
- मदद को आगे आए 40 देश: गुरुवार को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि 40 से अधिक देश भारत की मदद को आगे आए हैं। इनमें न केवल विकसित देश हैं, बल्कि मॉरिशस, भूटान और बांग्लादेश भी शामिल हैं। अगले तीन दिन में अमेरिका से सामग्री आ रही है। प्रधानमंत्री ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से इस संबंध में बात की थी। आज रात तक अरब अमीरात से वेंटिलेटर और दवाओं की पहली खेप पहुंचने वाली है। इन देशों से आक्सीजन प्लांट की सामग्री, सिलेंडर, रेमडेसिविर और कोरोना वायरस से संबंधित अन्य उपकरण की मदद मिलेगी। विभिन्न देशों से 500 से अधिक आक्सीजन जेनरेटिंग प्लांट, 4000 आक्सीजन कंसंट्रेटर और 10000 ऑक्सीजन सिलेंडर आ रहे हैं। इसके अलावा भारत सरकार ने स्थानीय कंपनियों से रेमडेसिविर की 67000 खुराक प्रति दिन उत्पादित करने को कहा है। कच्चा माल अमेरिका से आ रहा है।
- पंजाब सरकार ने कहा-स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा-हमें प्रतिदिन 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की ज़रूरत है। 36 मीट्रिक टन उत्पादन करने की हमारी क्षमता है। 105 मीट्रिक टन बाहर से आती है। बाकी ऑक्सीजन को पूरा करने के लिए हमारी सरकार ने झारखंड और छत्तीसगढ़ से संपर्क किया है।
- जर्मनी से पहुंची मदद: जर्मनी से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की पहली खेप दिल्ली पहुंची
- यूके से मदद:यूके से एक और शिपमेंट दिल्ली पहुंचा, इसमें 120 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हैं
- रूस से पहुंची मदद: रूस के दो कार्गो विमान गुरुवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे। ये 20 ऑक्सीजन कंसंटेटर, 75 वेंटिलेटर, 150 बेडसाइड मॉनिटर और दवाएं लेकर आए हैं। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (CBIC) ने यह जानकारी दी।
- झारखंड: बोकारो से 6वीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस लखनऊ के लिए निकली
- पश्चिम बंगाल:वायु सेना के दो सी-130 विमान ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर सिंगापुर से पानागढ़ एयर बेस पहुंचे
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