सार
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में मणिपुर हिंसा को लेकर सरकार का पक्ष प्वाइंट-दर-प्वाइंट सामने रखा। अंत में उन्होंने मणिपुर के दोनों समुदायों से भावुक अपील की और हिंसा छोड़कर बातचीत के रास्ते पर आने की आग्रह किया।
Amit Shah On Manipur Violence. केंद्रीय गृहमंत्री ने मणिपुर हिंसा को लेकर सारे तथ्य सदन के पटल पर रखे और सरकार ने क्या-क्या किया है, यह भी सदस्यों को अवगत कराया। उन्होंने विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि मैं खुद 3 दिन 3 रातें मणिपुर में बिताया हूं। इसके अलावा केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय लगातार 23 दिनों कर राज्य में डटे रहे। यहां विपक्ष भ्रम फैला रहा है कि सरकार का कोई व्यक्ति वहां नहीं गया। केंद्रीय गृहमंत्री ने सरकार द्वारा उठाए कदम की भी जानकारी दी।
दोनों समुदायों के बीच दीवार बनकर खड़े 36 हजार सुरक्षाकर्मी
केंद्र सरकार के गृहमंत्री अमित शाह कहा कि हिंसा के बाद हमने जांच के लिए कमीशन बनाया है। हमने राज्यपाल की अध्यक्षता में शांति प्रकिया शुरू की है। 36 हजार सुरक्षाकर्मी मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा न पनपने देने का काम कर रहे हैं। मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा रोकने के लिए 36 हजार सुरक्षाकर्मी बीच में दीवार बनकर खड़े हैं। गुस्सा अभी भी कम नहीं हुई है लेकिन सुरक्षाकर्मियों की वजह से हिंसा नहीं हो रही है। इसके अलावा मणिपुर में सीआईएसएफ, असम रायफल्स, इंडियन आर्मी, मणिपुर आर्मी की तैनाती की गई है। इन सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय के लिए यूनिफाइड कमांड बना दी गई है।
मणिपुर में राहत व पुनर्वास कार्यक्रम जारी हैं
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि पीड़ितों को पुनर्वास पैकेज दिया जा रहा है। किसी भी क्षेत्र में मेडिकल सुविधा का अभाव न हो इसलिए अलग-अलग कैंप्स में भारत सरकार सुविधाएं दे रही है। सुरक्षा की समीक्षा हो रही है। राहत सामग्री पहुंचाने के उपाय किए गए हैं। डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर से लगातार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हालात के सुधार को परखा जा रहा है। मैं हर सप्ताह वीडियो कांफ्रेंसिग करता हूं। गृह सचिव हर दूसरे दिन वीडियो कांफ्रेंसिंग करते हैं। इतनी क्लोज मॉनिटरिंग के साथ मणिपुर हिंसा को शांत करने की कोशिश की जा रही है। गृहमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों में एक साल, डेढ़ साल तक हिंसा होती रही, हमने कम से कम समय में इस पर काबू पाने का काम किया है।
क्यों नहीं लगाया प्रेसीडेंट रूल
विपक्ष लगातार मणिपुर में प्रेसीडेंट रूल लगाने की मांग करता है। इस पर जवाब देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि प्रेसीडेंट रूल वहां लगाया जाता है, जहां राज्य सरकार हिंसा रोकने में सहयोग न कर रही हो। मणिपुर में एन बीरेन सिंह की सरकार कूपरेटिव है और केंद्र के साथ मिलकर काम कर रही है। ऐसे में प्रेसीडेंट रूल का कोई औचित्य नहीं है।
गृहमंत्री ने दोनों समुदायों से की यह भावुक अपील
गृहमंत्री ने कहा कि सीमा की सुरक्षा के लिए बाड़ लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। सर्वे को गति दी जा रही है। गृहमंत्री ने दोनों समुदायों से करवद्ध प्रार्थना की है, हिंसा का रास्ता छोड़ें, हिंसा से कोई हल नहीं निकलता है। भारत सरकार दोनों समुदायों से बात कर रही है और बातचीत के माध्यम से ही इसका हल निकाला जाएगा।
यह भी पढ़ें
रात 3 बजे PM Modi ने अमित शाह को क्यूं उठाया, गृहमंत्री ने बताई मणिपुर हिंसा की पूरी कहानी