सार

भारत की लोकप्रिय 'संसद भवन' यानी बहुचर्चित गोलाकार लुटियंस बिल्डिंग(Lutyens building) के लिए 19 सितंबर, 2023 बेहद भावुक करने वाला दिन है। भारत के लोकतंत्र की मिसाल ये पुरानी इमारत एक स्मारक बनकर रह जाएगी। 

 

नई दिल्ली. भारत की लोकप्रिय पुरानी 'संसद भवन' यानी बहुचर्चित गोलाकार लुटियंस बिल्डिंग(Lutyens building) के लिए 19 सितंबर, 2023 बेहद भावुक करने वाला दिन है। भारत के लोकतंत्र की मिसाल ये पुरानी इमारत एक स्मारक बनकर रह जाएगी। संसद अब से नए संसद भवन यानी सेंट्रल विस्टा में शिफ्ट हो जाएगी। सेंट्रल विस्टा को नए भारत के प्रतीक के तौर पर देखा जा रहा है। क्या पुरानी बिल्डिंग को गिरा दिया जाएगा?

special session of Parliament और पुरानी संसद भवन के इमोशनल पल, पढ़िए 12 बड़ी बातें

1. सूत्रों के मुताबिक, पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में एक ग्रुप फोटो सेशन और एक समारोह के बाद प्रधान मंत्री मोदी जैसे ही संविधान की एक प्रति लेकर नए संसद भवन की ओर रवाना होंगे, पुरानी संसद भवन एक इतिहास में दर्ज हो जाएगी।

2. सभी सांसद प्रधानमंत्री के पीछे पैदल नई संसद भवन तक जाएंगे। फिर नई संसद में अपने-अपने चैंबर में मिलेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, झामुमो नेता शिबू सोरेन और भाजपा सांसद मेनका गांधी को सीनियर सांसदों के रूप में संसद के सेंट्रल हॉल में विशेष समारोह को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया था।

3. पुरानी संसद इमारत को 96 साल पहले यानी 1927 में खोला गया था। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आधी रात भाषण दिया था और संविधान को अपनाया गया था। हालांकि मौजूदा समय की जरूरतों के लिए पुरानी इमारत अब अपर्याप्त हो चुकी थी। खासकर तकनीकी सुविधाएं और कार्यालय के हिसाब से।

4.सूत्रों ने कहा कि ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर( Sir Edwin Lutyens and Herbert Baker) द्वारा डिजाइन की गई इस पुरानी संसद इमारत को संरक्षित किया जाएगा। यह भारत की पुरातात्विक संपत्ति है।

5. इससे पहले संसद के विशेष सत्र के पहले दिन(18 सितंबर) को अपनी स्पीच में पीएम मोदी ने कहा था-"हम भविष्य की आशा के साथ इस इमारत को छोड़ रहे हैं...आज उन 7,500 सांसदों को याद करने का दिन है, जिन्होंने यहां सेवा की है... मैं इस इमारत की हर ईंट को सलाम करता हूं।''

6.पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल यानी 9 वर्षों में जोड़े गए मील के पत्थर को भी याद किया, जिसमें- आर्टिकल 370 को खत्म करना और वन नेशन वन टैक्स जीएसटी की शुरूआत शामिल है।

7.उल्लेखनीय है कि मई, 2023 में पीएम मोदी ने दिल्ली के हृदय स्थल कर्तव्य पथ पर बने नए संसद भवन का उद्घाटन किया था। इस भवन के लोकसभा चैम्बर में 888 सदस्य और राज्यसभा चैम्बर में 300 सदस्य बैठ सकते हैं। दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के लिए लोकसभा कक्ष में 1,280 सांसदों को जगह मिल सकती है।

8. नई संसद भवन में हर संसद सदस्य के पास रीडेवलप श्रम शक्ति भवन में 40 वर्ग मीटर का आफिस स्पेस होगा, जो 2024 तक पूरा हो जाएगा। नेशनल अर्काइव्स भी पुराने भवन से नए भवन में शिफ्ट हो जाएगा।

9. इस चार मंजिला इमारत का बिल्डअप एरिया 64,500 वर्ग मीटर है। इसके तीन मुख्य द्वार हैं-ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार। वीआईपी, सांसदों और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं।

10.बिल्डिंग प्लानर्स ने नई संसद भवन के निर्माण की प्रेरणा मंदिरों और धर्मग्रंथों से ली है। इसमें एक दीवार है, जन जननी जन्मभूमि, जिसे ग्रासरूट आर्टिस्ट्स द्वारा चित्रित किया गया है। संगीत, शिल्प और वास्तुकला को प्रदर्शित करने के लिए तीन गैलरी भी हैं।

11.सरकारी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि पुरानी इमारत को गिराया नहीं जाएगा; इसके बजाय, संसदीय गतिविधियों के लिए अधिक कार्यात्मक स्थान बनाने के लिए इसमें रेट्रोफिटिंग की जाएगी। यह निर्णय इमारत के ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व से उपजा है।

12. 2021 में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा को बताया था कि मौजूदा स्ट्रक्चर को मरम्मत की आवश्यकता है और इसे वैकल्पिक उपयोग के लिए पुन: उपयोग किया जा सकता है। ऐसी भी खबरें हैं कि पुरानी इमारत के एक हिस्से को संग्रहालय में तब्दील किया जा सकता है।

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