सार
टूलकिट केस में स्वीडिश क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थरबर्ग और दिशा रवि के बीच व्हाट्सएप चैट सामने आई है, जिसे देखकर लगता है कि ग्रेटा और दिशा दोनों को पता था कि टूलकिट का क्या अंजाम हो सकता है। व्हाट्सएप पर दिशा रवि ने ग्रेटा को मैसेज किया कि वह टूलकिट पोस्ट न करे।
नई दिल्ली. टूलकिट केस में स्वीडिश क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थरबर्ग और दिशा रवि के बीच व्हाट्सएप चैट सामने आई है, जिसे देखकर लगता है कि ग्रेटा और दिशा दोनों को पता था कि टूलकिट का क्या अंजाम हो सकता है। व्हाट्सएप पर दिशा रवि ने ग्रेटा को मैसेज किया कि वह टूलकिट पोस्ट न करे।
पुलिस का दावा है कि ग्रेटा ने दिशा रवि के अनुरोध के बाद ट्वीट को हटा दिया और बाद में, दस्तावेज को एडिट करके शेयर करते हुए कहा कि यह अपडेट किया हुआ है। कथित तौर पर दिशा रवि ने दस्तावेज को एडिट किया था।
ग्रेटा और दिशा रवि की बीच चैट की पूरी डिटेल
ग्रेटा (रात 9:25 बजे): अब इसे तैयार करना वास्तव में अच्छा है.. मुझे इस वजह से बहुत सारी धमकियां मिलेंगी..
दिशा: S ** t .. S ** t
दिशा (9:25 pm): इसे आपके पास भेज रही हूं...
दिशा (9:35 pm): ठीक है, आप टूलकिट को बिल्कुल भी ट्वीट नहीं करिए...जब हम नहीं कहेंगे। कुछ समय के लिए कुछ भी नहीं? मैं वकीलों से बात करने वाली हूं। मुझे खेद है लेकिन हमारे नाम इस पर हैं और हमारे खिलाफ यूएपीए लग सकता है।
दिशा (रात 9:39): क्या तुम ठीक हो?
ग्रेटा (रात 9:40 बजे): मुझे कुछ लिखने की जरूरत है..
दिशा (9:40 बजे): क्या आप मुझे पांच मिनट दे सकती हैं मैं वकीलों से बात कर रही हूं
ग्रेटा (9:41 बजे): इतनी ज्यादा कभी कभी पैदा होती है
दिशा (रात 9:41 बजे): मुझे खेद है .. हम सभी घबरा रहे हैं क्योंकि यह वास्तव में बुरा हो रहा है।
दिशा (9:41 बजे): हमें सभी सोशल अकाउंट डिएक्टिवेट करना है
"कानून 22 और 50 साल की उम्र में कोई अंतर नहीं करता है"
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा, दिशा रवि की गिरफ्तारी कानून और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए हुई है। कानून 22 साल और 50 साल की उम्र में कोई अंतर नहीं करता। कोर्ट ने गिरफ्तारी को सही मानते हुए 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा। जो लोग कहते हैं कि गिरफ्तारी में कोई कमी है ये बिल्कुल मिथ्या है।
ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट में क्या था, जो इतना विवाद हुआ?
स्वीडन की 18 साल की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलनों के बीच ट्विटर पर एक टूल शेयर किया था। टूलकिट में भारत में अस्थिरता फैलाने को लेकर साजिश का प्लान था। उसमें ट्विटर पर हैजटैग के साथ ही आंदोलन के दौरान क्या करें क्या न करें? कहीं फंसने पर क्या करें? ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब दिए गए थे। टूलकिट में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश भी थे।