सार

5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म हो गया था। राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया गया था। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख। आर्कटिकल 370 खत्म होने के बाद कश्मीर नेताओं की पीएम के साथ पहली बैठक थी। 

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाए जाने के जम्मू-कश्मीर की 14 पार्टी के लीडरों के साथ मीटिंग की। पीएम की मीटिंग करीब साढ़े तीन घंटे चली। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत गुपकार अलायंस के बड़े नेता भी थे। पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह समेत कई नेता मौजूद थे।

क्या कहा पीएम मोदी ने
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, पीएम मोदी ने बैठक में कहा- राजनीतिक मतभेद होंगे लेकिन सभी को राष्ट्रहित में काम करना चाहिए ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को फायदा हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी के लिए सुरक्षा और सुरक्षा का माहौल सुनिश्चित करने की जरूरत है। पीएम ने कहा कि वह 'दिल्ली की दूरी' और 'दिल की दूरी' को हटाना चाहते हैं। पीएम ने कहा कि जब लोग भ्रष्टाचार मुक्त शासन का अनुभव करते हैं, तो यह लोगों में विश्वास जगाता है और लोग प्रशासन को अपना सहयोग भी देते हैं और यह आज जम्मू-कश्मीर में दिखाई देता है।

 

पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी नेताओं के सुझाव और इनपुट सुने। उन्होंने खुशी प्रकट करते हुए कहा कि सभी नेताओं ने अपने ईमानदार विचार साझा किए हैं। यह एक खुली चर्चा थी जो कश्मीर के बेहतर भविष्य के निर्माण के इर्द-गिर्द घूमती थी। 

अमित शाह ने क्या कहा
जम्मू-कश्मीर की 14 पार्टियों की पीएम मोदी से साथ हुई बैठक के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- जम्मू-कश्मीर को लेकर आज बहुत ही अच्छे सौहार्दपूर्ण माहौल में बैठक हुई। सभी ने लोकतंत्र और संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। साथ ही जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने पर जोर दिया गया। बैठक के बाद जानकारी देते हुए कहा कि हम जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने जम्मू और कश्मीर के भविष्य पर चर्चा की। परिसीमन और चुनाव संसद में किए गए वादे के अनुसार राज्य का दर्जा बहाल करने में महत्वपूर्ण मील के पत्थर हैं। 

महबूबा ने कहा- पाकिस्तान से क्यों नहीं
PDP नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैंने मीटिंग में जम्मू -कश्मीर के लोगों की मुसीबतें सामने रखीं। कश्मीर के लोग 5 अगस्त 2019 के बाद से नाराज हैं और शोषित महसूस करते हैं। असंवैधानिक तरीके से अनुच्छेद-370 को हटाया गया जो जम्मू-कश्मीर के लोगों को पसंद नहीं है। हम इसके खिलाफ संघर्ष करते रहेंगे और इसे बहाल करेंगे। ये हमें पाकिस्तान से नहीं मिला था। उन्होंने कहा कि- चीन के साथ आप बात कर रहे हैं पाकिस्तान से क्यों नहीं। कश्मीर में सीजफायर कम हुआ, इसका हम स्वागत करते हैं।

एक मीटिंग से कम नहीं होती दूरी उमर अब्दुला 
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम आर्टिकल-370 पर अपनी लड़ाई अदालत में लड़ेंगे। हमने प्रधानमंत्री से भी कहा कि जम्मू-कश्मीर और केंद्र के बीच विश्वास को दोबारा कायम करना आपकी जिम्मेदारी है। जम्मू-कश्मीर को यूनियन टेरेटरी का दर्जा दिया गया है, कश्मीरी इसे पसंद नहीं करते हैं। उमर ने कहा कि प्रधानमंत्री दिल की दूरी कम करना चाहते हैं, लेकिन एक मुलाकात से न दिल की दूरी कम होती है। 


गुलाम नबी आजाद ने क्या कहा
मीटिंग के बाद कांग्रेस के सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद ने बताया- गृह मंत्री ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी नेताओं ने की पूर्ण राज्य की मांग की। उन्होंने कहा कि हमने बैठक में 5 मांगें रखीं।

  •  राज्य का दर्जा जल्द दें
  •  लोकतंत्र बहाल करने के लिए विधानसभा चुनाव कराएं
  • जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास
  • सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए
  • अधिवास नियमों पर मांग की।

 

अच्छे माहौल में हुई मीटिंग
मीटिंग के बाद जम्मू-कश्मीर की अपनी पार्टी के लीडर अल्ताफ बुखारी ने कहा- आज अच्छे माहौल मीटिंग हुई। प्रधानमंत्री ने सभी नेताओं के मुद्दे सुने। पीएम ने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया खत्म होने पर चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी।

सामान्य तरीके से होगा चुनाव
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा नेता कवींदर गुप्ता ने कहा जम्मू-कश्मीर के सभी मामलों पर चर्चा की गई। परिसीमन के बाद जल्द ही चुनाव कराए जाएंगे। सभी नेता सामान्य तरीके से चुनाव चाहते हैं। प्रधानमंत्रीजी ने भरोसा दिलाया है कि हम जम्मू-कश्मीर के विकास पर काम करेंगे। पीएम ने कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पर भी भरोसा दिलाया है। 

पॉजिटिव रिजल्ट निकलेगा
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने कहा- बैठक बेहद सौहार्दपूर्ण तरीके से हुई। हम पॉजिटिव तरीके से मिले। उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए कुछ डिलीवरी होगी। मुजफ्फर हुसैन बेग ने कहा- सभी नेताओं ने राज्य का दर्जा देने की मांग की। जिस पर पीएम ने कहा, पहले परिसीमन प्रक्रिया समाप्त होनी चाहिए और फिर अन्य मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा। यह एक संतोषजनक बैठक थी। 

 

 

पीएम की मीटिंग में ये नेता थे मौजूद 

मीटिंग में पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती, नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला, पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला, सीपीआई एम के युसुफ तारीगामी, कांग्रेस के गुलाम अहमद मीर, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, पैंथर्स पार्टी के प्रो.भीम सिंह समेत जम्मू कश्मीर बीजेपी के नेता मौजूद थे। 
"

यह भी पढ़ेंः गुपकार नेताओं ने स्वीकार किया पीएम मोदी का न्योताः फारूख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत सभी प्रमुख नेता जाने को राजी

जेपी नड्डा ने की कश्मीर के बीजेपी नेताओं संग मीटिंग

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पीएम मोदी की मीटिंग के पहले पार्टी दफ्तर में जम्मू-कश्मीर के अपने पार्टी से जुड़े नेताओं के साथ मीटिंग की है।

पीएम मोदी ने भेजा था मीटिंग के लिए न्योता

करीब दो साल बाद पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के 14 दलों की बैठक बुलाई थी। मीटिंग में भाग लें या न लें यह निर्णय दो दिन पहले गुपकार बैठक में लिया गया। पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला के नेतृत्व में प्रमुख राजनीतिक दलों की बैठक में यह निर्णय लिया कि पीएम के न्योते पर सभी जाएंगे। 

2019 में खत्म हो गया था जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा

5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म हो गया था। राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया गया था। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख। राजनीतिक अस्थिरता न पैदा हो इसके लिए प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। 

यह भी पढ़ेंः जम्मू-कश्मीरः सीआईडी इंस्पेक्टर की श्रीनगर में आतंकवादियों ने मारी गोली, नमाज पढ़कर लौट रहे थे