1.3 किमी का यह पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है। इसे कश्मीर घाटी के लिए सहज रेलवे कनेक्टिविटी की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसे उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लिंक के हिस्से के रूप में 1,486 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को चिनाब नदी के तल से 359 मीटर ऊपर एक पुल के लिए मेहराब के निर्माण की सराहना करते हुए कहा कि यह देश की ‘बदली हुई कार्य संस्कृति’ का एक उदाहरण है।

ट्वीटर हैंडल पर रेलमंत्री पीयूष गोयल की एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘देश के जन-जन का सार्मथ्य और विश्वास आज दुनिया के सामने एक मिसाल पेश कर रहा है। यह निर्माण कार्य न केवल अत्याधुनिक इंजीनियरिंग और टेक्नोलाॅजी के क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत को प्रदर्शित करता है बल्कि संकल्प से सिद्धि की देश की बदली हुई कार्य संस्कृति का भी उदाहरण है।’

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एफिल टाॅवर से 35 मीटर ऊंचा है इसका ब्रिज

1.3 किमी का यह पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है। इसे कश्मीर घाटी के लिए सहज रेलवे कनेक्टिविटी की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसे उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लिंक के हिस्से के रूप में 1,486 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। यह ब्रिज पेरिस में एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है। एफिल टाॅवर की ऊंचाई 324 मीटर ही है। अनुमानित है कि दिसंबर 2021 तक यह बनकर तैयार हो जाएगा।

चिनाब नदी पर बन रहा है पुल

दुनिया के सबसे ऊंचे पुल का आर्क बनकर तैयार हो चुका है। चिनाब नदी पर बन रहे इस पुल को नदी के तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर बनाया जा रहा है। दरअसल, जम्मू बारामूला रेल सेक्शन में 111 किलोमीटर लंबे कटड़ा-बनिहाल सेक्शन का निर्माण चल रहा है। इस सेक्शन में 97.6 किमी टनल और पुल से होकर गुजरेगा। इसमें 85 किलोमीटर का निर्माण पूरा हो चुका है। 

इमरजेंसी के लिए टनल निर्माण

इस प्रोजेक्ट के तहत इमरजेंसी में इस्तेमाल के लिए 60.5 किलोमीटर लंबी एक टनल का निर्माण हो रहा है। इसमें 53.50 किमी की टनल बन चुकी है। पुल 96 केबल्स पर टिकेगा। प्रोजेक्ट में 38 टनल बनाया जाना है। यह पुल 266 किमी प्रति घंटे की रफ्तार की हवा के दौरान भी टिका रहेगा।