सार
तमिलनाडु में इस साल विधानसभा चुनाव है। इससे पहले पीएम मोदी ने रविवार को चेन्नई से बड़ा ऐलान किया। पीएम मोदी ने बताया कि केंद्र ने देवेन्द्र कुला वेल्लालार्स समुदाय की मांग मान ली है। अब इस समुदाय में शामिल सभी 7 जातियों को देवेन्द्र कुला वेल्लालार्स के नाम से जाना जाएगा।
चेन्नई. तमिलनाडु में इस साल विधानसभा चुनाव है। इससे पहले पीएम मोदी ने रविवार को चेन्नई से बड़ा ऐलान किया। पीएम मोदी ने बताया कि केंद्र ने देवेन्द्र कुला वेल्लालार्स समुदाय की मांग मान ली है। अब इस समुदाय में शामिल सभी 7 जातियों को देवेन्द्र कुला वेल्लालार्स के नाम से जाना जाएगा।
इससे पहले पीएम मोदी ने चेन्नई में विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, मैं यह संदेश देकर काफी खुशी हो रही है कि केंद्र सरकार ने देवेन्द्र कुला वेल्लालार्स समुदाय की लंबे वक्त से चली आ रही मांग को स्वीकार कर लिया है। अब इसके तहत आने वाली सभी जातियों को देवेन्द्र कुला वेल्लालार्स के नाम से जाना जाएगा। अब इन्हें इनके उपजाति के नाम से नहीं जाना जाएगा। सरकार इसके लिए जरूरी संशोधन के लिए अगले सत्र में बिल पारित करेगी।
क्या है मांग?
दरअसल, दक्षिण तमिलनाडु में देवेन्द्र कुला वेल्लालार्स समुदाय के तहत पल्लर, कुदुम्बन, कल्लादी, पन्नादी, वथरियन, देवेंद्रन जातियां आती हैं। ये सभी जातियां शेड्यूल कास्ट (एससी) के तहत आती हैं। इस समुदाय के लोगों की मांग थी कि इन्हें अलग अलग जातियों की जगह देवेन्द्र कुला वेल्लालार्स के नाम से जाना जाए। साथ ही इन्हें एससी से बाहर किया जाए। दक्षिण तमिलनाडु में देवेन्द्र कुला वेल्लालार्स समुदाय के करीब 40 लाख लोग रहते हैं।
बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन लोकसभा में पेश हुआ बिल
केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने बजट सत्र के पहले चऱण के आखिरी दिन लोकसभा में इससे संबंधित बिल को पटल पर रखा। हालांकि, बताया जा रहा है कि इसमें देवेन्द्र कुला वेल्लालार्स की समुदाय को एससी लिस्ट से बाहर करने की मांग को नहीं माना गया है।