सार

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, आज 80 प्रतिशत एक्टिव मामले इन दस राज्यों में हैं, इसलिए कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इन सभी राज्यों की भूमिका बहुत बड़ी है। आज देश में एक्टिव मामले 6 लाख से ज्यादा हो चुके हैं, जिनमें से ज्यादातर मामले हमारे इन दस राज्यों में ही हैं।

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार, गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, आज 80 प्रतिशत एक्टिव मामले इन दस राज्यों में हैं, इसलिए कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इन सभी राज्यों की भूमिका बहुत बड़ी है। आज देश में एक्टिव मामले 6 लाख से ज्यादा हो चुके हैं, जिनमें से ज्यादातर मामले हमारे इन दस राज्यों में ही हैं।

मुख्यमंत्रियों से चर्चा में पीएम ने कहीं ये अहम बातें 

  • प्रधानमंत्री ने कहा, औसत मृत्यु दर लगातार घट रही है। वहीं, रिकवरी रेट हर दिन बढ़ रहा है। यह दिखाता है कि हमने जो कदम उठाए हैं, वे सही दिशा में हैं। 
  • पीएम ने कहा, टेस्टिंग की संख्या बढ़कर हर दिन 7 लारख तक पहुंच चुकी है और लगातार बढ़ भी रही है। इससे संक्रमण को पहचानने और रोकने में जो मदद मिल रही है।
  • उन्होंने कहा, आज हम देख रहे हैं। हमारे यहां औसत मृत्यु दर पहले भी दुनिया के मुकाबले काफी कम थी, संतोष की बात है कि ये लगातार और कम हो रही है।
  • पीएम मोदी ने कहा, हर राज्य कोरोना महामारी के चलते पैदा हुई स्थिति से जंग लड़ रहा है। इसलिए कोरोना को पूरी तरह से खत्म करने में हर राज्य की भूमिका अहम है। 
  • प्रधानमंत्री ने कहा, विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अगर 72 घंटों के भीतर संक्रमण की पहचान कर लेते हैं, तो प्रसार को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि जो लोग संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है तो उसके आसपास वालों की 72 घंटे के अंदर टेस्टिंग हो जानी चाहिए। जनता के बीच हाथ धोने, मास्क पहनने और ना थूकने को लेकर नया मंत्र पहुंचाना होगा। 


किस राज्य ने रखी क्या मांग?

- पंजाब: 
राज्यों के सीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक, कोरोना से निपटने के लिए राज्य आपदा राहत कोष से 35% खर्च करने की अनुमति है। यह निरंतर आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। 

इसके अलावा पंजाब के सीएम ने पीएम नरेंद्र मोदी से राज्यों के लिए एक उदार वित्तीय पैकेज की मांग की, जो कोरोना महामारी की वजह से संग्रह में आए अंतर को भर सके। इसके अलावा उन्होंने राज्य आपदा राहत कोष से कोरोना के संबंध में खर्च करने के लिए नियमों को सरल बनाने की भी मांग की। 

- तमिलनाडु: राज्य के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने कहा, हमें राज्य से इमरजेंसी रिस्पोंस एंड हेल्थ सिस्टम के तहत जारी 712 करोड़ में 512 करोड़ रुपए मिल गए हैं। मैं पहले की तरह अपील करता हूं कि इस पैकेज को 3000 हजार करोड़ रुपए किया जाए। उन्होंने कहा,  हमने पहले ही राज्य आपदा फंड के हिस्से को खर्च कर लिया है। ऐसे में मैं अपील करता हूं कि राज्य को महामारी से लड़ने के लिए 1,000 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाए। इसके अलावा इस समय 1,321 करोड़ रुपए की लंबित सीएमआर सब्सिडी जारी करने से धान खरीद में आसानी होगी। 

कोरोना काल में पीएम ने 8 बार की बैठकें 

  • पहली बैठक 20 मार्च को हुई थी। इसमें मोदी ने सोशल डिस्टेंसिंग और 22 मार्च के जनता कर्फ्यू को लेकर चर्चा की थी।
  • 2 अप्रैल को पीएम मोदी ने 9 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की थी। इसमें लॉकडाउन बढ़ाने और छूट के बारे में चर्चा हुई। 
  • 11 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में लॉकडाउन आगे बढ़ाने पर सहमति बनी।
  • 27 अप्रैल को एक बार फिर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक हुई। इसमें राज्यों ने लॉकडाउन को बढ़ाने की सलाह दी। 
  • 11 मई को राज्यों के सीएम से चर्चा में पीएम मोदी ने लॉकडाउन पर सुझाव मांगे। 
  • 16 जून को मुख्यमंत्रियों से चर्चा में पीएम मोदी ने अनलॉक के संकेत दिए। 
  • 17 जून को हुई चर्चा में पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर अभियान की चर्चा की।
  • 27 जुलाई को मुख्यमंत्रियों से पीएम ने अनलॉक 3 को लेकर चर्चा की थी।