सार
पीएम मोदी के मुख्य सलाहकार पीके सिन्हा ने व्यक्तिगत आधार पर इस्तीफा दे दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने सोमवार को ही अपना इस्तीफा सौप दिया। उत्तर प्रदेश कैडर के 1977 बैच के आईएएस अधिकारी पीके सिन्हा सितंबर 2019 से प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सलाहकार के रूप में काम कर रहे थे। इस भूमिका में आने से पहले चार साल तक कैबिनेट सचिव के रूप में काम किया था।
नई दिल्ली. पीएम मोदी के मुख्य सलाहकार पीके सिन्हा ने व्यक्तिगत आधार पर इस्तीफा दे दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने सोमवार को ही अपना इस्तीफा सौप दिया।
सितंबर 2019 में संभाला था पद
उत्तर प्रदेश कैडर के 1977 बैच के आईएएस अधिकारी पीके सिन्हा सितंबर 2019 से प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सलाहकार के रूप में काम कर रहे थे। इस भूमिका में आने से पहले चार साल तक कैबिनेट सचिव के रूप में काम किया था।
यूपीए सरकार में पीके सिन्हा ने तीन केंद्रीय मंत्रालयों में सचिव के रूप में काम किया था। 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद सिन्हा को ऊर्जा सचिव के रूप में बनाए रखा गया था। जून 2015 में पीके सिन्हा को कैबिनेट सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। जून 2019 में उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें एक्सटेंशन दिया गया।
पीके सिन्हा का पूरा नाम प्रदीप कुमार सिन्हा है। ये भारत के 31 वें कैबिनेट सचिव थे। पीके सिन्हा ने भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार, जैसे कि प्रमुख सचिव (सिंचाई), वाराणसी मंडल के आयुक्त, उत्तर प्रदेश के निवेश आयुक्त, ग्रेटर नोएडा के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी आयुक्त, उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य आयुक्त जैसे विभिन्न प्रमुख पदों पर काम किया।
पीके सिन्हा आगरा और जौनपुर के जिलों के जिलाधिकारी और कलेक्टर, उत्तरांचल विकास प्राधिकरण के सचिव और उत्तर प्रदेश सरकार में मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में काम किया। इसके अलावा भारत के कैबिनेट सचिव, केंद्रीय ऊर्जा सचिव, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में विशेष सचिव भी रहे।