सार

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी बुधवार को शाम साढ़े 5 बजे लखनऊ यूनिवर्सिटी की स्‍थापना के शताब्‍दी समारोह में वीडियो कान्‍फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। यूनिवर्सिटी की स्‍थापना 1920 में हुई थी और इस साल स्‍थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर समारोह मनाया जा रहा है। 

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी बुधवार को शाम साढ़े 5 बजे लखनऊ यूनिवर्सिटी की स्‍थापना के शताब्‍दी समारोह में वीडियो कान्‍फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। यूनिवर्सिटी की स्‍थापना 1920 में हुई थी और इस साल स्‍थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर समारोह मनाया जा रहा है। 

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, लखनऊ विश्वविद्यालय परिवार को 100 वर्ष पूरा होने पर हार्दिक शुभकामनाएं। 100 वर्ष का समय सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है। इसके साथ अपार उपलब्धियों का एक जीता जागता इतिहास जुड़ा है।

यूनिवर्सिटी से निकले लोग राष्ट्रपति पद तक पहुंचे
पीएम ने कहा, 100 साल की इस यात्रा में यहां से निकले व्यक्तित्व राष्ट्रपति पद पर पहुंचे। राज्यपाल बने। विज्ञान का क्षेत्र हो या न्याय का, राजनीतिक हो या प्रशासनिक, शैक्षणिक हो या सांस्कृतिक या फिर खेल का क्षेत्र, हर क्षेत्र की प्रतिभाओं को लखनऊ विश्वविद्यालय ने संवारा है। 

पीएम मोदी ने कहा, आज हम देख रहे हैं कि देश के नागरिक कितने संयम के साथ कोरोना की इस मुश्किल चुनौती का सामना कर रहे हैं। देश को प्रेरित और प्रोत्साहित करने वाले नागरिकों का निर्माण शिक्षा के ऐसे संस्थानो में ही होता है। लखनऊ यूनिवर्सिटी दशकों से अपने इस काम को बखूबी निभा रही है।

'संयोग से आज देव एकादशी है'
प्रधानमंत्री ने कहा, ये संयोग है कि आज देव प्रबोधनी एकादशी है। हमारे यहां कहा जाता है- या निशा सर्वभूतानां तस्यां जागर्ति संयमी। जब प्राणियों के साथ-साथ देवता भी सो रहे होते हैं, तब भी संयमी मानव लोक कल्याण के लिए साधनारत रहता है। 

यूनिवर्सिटी सिर्फ उच्च शिक्षा का केंद्र नहीं
पीएम ने कहा, यूनिवर्सिटी सिर्फ उच्च शिक्षा का ही केंद्र नहीं होती, ये ऊंचे संकल्पों, ऊंचे लक्ष्यों को साधने की एक बहुत बड़ी ऊर्जा भूमि होती है। ये हमारी भीतर की ताकत को जगाने की प्रेरणा स्थली भी है।

2014 के बाद हमने सोच बदली
पीएम मोदी ने कहा, रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री में वर्षों पहले निवेश हुआ, संसाधन लगे, मशीनें लगीं, बड़ी-बड़ी घोषणाएं हुई, लेकिन कई वर्षों तक वहां सिर्फ डेंटिंग-पेंटिंग का ही काम होता था। 2014 के बाद हमने सोच बदली, तौर तरीका बदला। परिणाम ये हुआ कि कुछ महीने में ही यहां से पहला कोच तैयार हुआ और आज यहां हर साल सैकड़ों कोच तैयार हो रहे हैं।


स्मारक सिक्का किया जारी
इस मौके पर पीएम मोदी ने यूनिवर्सिटी की स्‍थापना के 100 साल पूरे होने पर एक स्‍मारक सिक्‍का जारी किया। इस मौके पर उन्होंने एक विशेष स्‍मार‍क डाक टिकट और भारतीय डाक विभाग द्वारा जारी विशेष कवर भी जारी किया। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्‍तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।