सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट (आईएपी) के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने फिजियोथेरेपी को योग से जोड़ने का मंत्र दिया।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अहमदाबाद में आयोजित इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट (आईएपी) के राष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लिया। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया और फिजियोथेरेपी को योग से जोड़ने का मंत्र दिया।
पीएम ने कहा कि हमारे फिजियोथेरेपिस्ट आज उम्मीद के प्रतीक बन गए हैं। सबसे अच्छा फिजियोथेरेपिस्ट वो होता है जिसकी बार बार मरीज को जरूरत ना हो। लोगों को आत्मनिर्भर बनाना ही आपका लक्ष्य है। आज जब देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है तो आप लोग समझ सकते हैं कि ये क्यों जरूरी है। फिजियोथेरेपिस्ट की स्पिरिट में हर व्यक्ति और देश के लिए कई अहम संदेश छिपे हैं। फिजियोथेरेपी की पहली शर्त है कंसिस्टेंसी। इसके बिना रिजल्ट नहीं मिलता। इसी तरह देश के लिए नीतियों को लागू करने में निरंतरता और दृढ़ निश्चय जरूरी है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने फिजियोथेरेपी को एक पेशा के रूप में मान्यता दी है। इससे सभी फिजियोथेरेपिस्ट को भारत के साथ ही विदेश में काम करने में आसानी हुई है। आज खेलो इंडिया मूवमेंट और फिट इंडिया मूवमेंट के साथ देश बढ़ रहा है। आज फेमिली डॉक्टर की तरह फेमिली फिजियोथेरेपिस्ट की जरूरत पड़ रही है। इससे संभावनाएं बढ़ रही हैं।
फिजियोथेरेपी को योग से जोड़ने पर होगा अधिक लाभ
पीएम ने फिजियोथेरेपिस्ट से कहा कि मेरा आपसे आग्रह है। क्या आप सही पोस्चर और हैबिट को लेकर लोगों को जागरूक कर सकते हैं। मेरा अनुभव है कि फिजियोथेरेपी के साथ योग के जुड़ने से लाभ अधिक होता है। अगर फिजियोथेरेपिस्ट को योग की भी जानकारी हो तो मरीज को अधिक फायदा होता है।
उन्होंने कहा कि मेरा अनुभव है कि जब फिजियोथेरेपिस्ट के साथ योग का अनुभव जुड़ जाता है तो उसकी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। आपको फिजियोथेरेपी के साथ-साथ योग भी आता होगा तो आपकी कुशलता बहुत बढ़ जाएगी। रोगी की देखभाल में आपका अनुभव और समझ काफी मायने रखता है। मेरा आग्रह है कि इसे ठीक से तरह से डॉक्यूमेंट के रूप में सुरक्षित किया जाए।
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वीडियो द्वारा कंसल्टिंग के तौर तरीके विकसित करें
मोदी ने कहा कि टेलीमेडिसिन के माध्यम से भी फिजियोथेरेपी का सेवा को विस्तार दिया जाना चाहिए। आप सभी को वीडियो द्वारा कंसल्टिंग के तौर तरीके भी विकसित करने चाहिए। जैसे पिछले दिनों तुर्किये में इतना बड़ा भूकंप आया है। सीरिया में भी उसका असर है। इस तरह की आपदा के बाद बड़ी संख्या में फिजियोथेरेपिस्ट की जरूरत होती है। ऐसे में आप मोबाइल के जरिए बहुत बड़ी मदद कर सकते हैं।
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