सार
दिल्ली शराब घोटाले (Delhi excise policy case) में एक और बड़ी गिरफ्तारी हुई है। इससे जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग इन्वेस्टिगेशन में आंध्र प्रदेश के YSRCP सांसद मगुनता श्रीनिवासुलु रेड्डी(Magunta Srinivasulu Reddy) के बेटे राघव मगुनता को अरेस्ट किया गया है।
नई दिल्ली. दिल्ली शराब घोटाले (Delhi excise policy case) में एक और बड़ी गिरफ्तारी हुई है। इससे जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग इन्वेस्टिगेशन में आंध्र प्रदेश के YSRCP सांसद मगुनता श्रीनिवासुलु रेड्डी(Magunta Srinivasulu Reddy) के बेटे राघव मगुनता को अरेस्ट किया गया है। ईडी का आरोप है कि लिकर पॉलिसी में मगुनता श्रीनिवासुलु रेड्डी, उनके बेटे राघव मगुन्टा, टीआरएस एमएलसी के. कविता और अरबिंदो फार्मा के निदेशक पी. सरथ चंद्र रेड्डी की बड़ी भूमिका रही है।
जानिए पूरी डिटेल्स..
इससे पहले CBI ने दिल्ली आबकारी नीति मामले(Delhi excise policy case) में हैदराबाद बेस्ड एक चार्टर्ड एकाउंटेंट (CA) 'बीआरएस एमएलसी के. कविता' के ऑडिटर को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने 8 फरवरी को यह जानकारी दी थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आबकारी नीति मामले के संबंध में पूछताछ के लिए सीए बुचिबाबू गोरांटला को दिल्ली बुलाया था। लेकिन उन्होंने आने से इनकार कर दिया। इसके बाद 7 फरवरी की शाम को सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। वे जांच में असहयोग कर रहे थे। ईडी ने इसी मामले में गौतम मल्होत्रा को भी अरेस्ट किया था।
चार्टर्ड एकाउंटेंट बुचिबाबू गोरंटला कथित रूप से पॉलिस के फॉर्मूलेशन और इम्पलिमेंटेशन में सहायक थे। इसमें हैदराबाद स्थित थोक और खुदरा लाइसेंसधारियों और उनके लाभार्थी मालिकों को गलत लाभ हुआ। सीए उस ग्रुप से जुड़ा था, जिसने कथित तौर पर तत्कालीन आम आदमी पार्टी (AAP) के कम्यूनिकेशन इन चार्ज विजय नायर के माध्यम से एडवांस के तौर पर ₹100 करोड़ का भुगतान किया था।
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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने शराब के धंधे में लिप्त शिरोमणि अकाली दल के पूर्व विधायक दीप मल्होत्रा के बेटे गौतम मल्होत्रा को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने इन्वेस्टिगेशन के बेस पर अभी 17 अभियुक्तों/कंपनियों से जुड़ी दो चार्जशीट कोर्ट में पेश की हैं।
विवादास्पद आबकारी नीति 17 नवम्बर 2021 को लागू की गई थी। हालांकि मामला सामने आने के बाद दिल्ली में संचालित 468 निजी शराब की दुकानें 1 अगस्त, 2022 से बंद कर दी गई थीं। दिल्ली के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
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