सार

अदाणी समूह (Adani Group) ने हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए अमेरिकी लॉ फर्म को काम पर रखा है। फाइनेंशियल टाइम्स ने यह जानकारी दी है।

नई दिल्ली। गौतम अदाणी के नेतृत्व वाली अदाणी समूह ने अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ कोर्ट में लड़ाई लड़ने का फैसला किया है। इसके लिए अमेरिकी लॉ फर्म वाचटेल को काम पर रखा गया है। फाइनेंशियल टाइम्स ने यह जानकारी दी है।

हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट जारी कर अदाणी समूह पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप लगाया था। इसके चलते अदाणी समूह को भारी नुकसान हुआ है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अदाणी समूह ने कानूनी लड़ाई के लिए वाचटेल, लिप्टन, रोसेन और काट्ज जैसे लॉ फर्मों के वरिष्ठ वकीलों से संपर्क किया था। इसके बाद वाचटेल की मदद लेने का फैसला किया गया। 

सबसे महंगी लॉ फर्मों में से एक है वाचटेल
वाचटेल अमेरिका की सबसे महंगी लॉ फर्मों में से एक है। न्यूयॉर्क स्थित यह लॉ फर्म कॉर्पोरेट कानून से जुड़े केस लड़ने में माहिर हैं। इनके द्वारा बड़े और जटिल लेनदेन के केस लड़े जाते हैं। वाचटेल ने दशकों में अपनी प्रतिष्ठा बनाई है। इस लॉ फर्म ने कुछ सबसे बड़ी अमेरिकी कंपनियों को निवेशकों द्वारा टारगेट किए जाने या शत्रुतापूर्ण अधिग्रहण का सामना करने पर कानूनी सलाह दी है।

यह भी पढ़ें- Rajasthan Budget 2023: CM गहलोत की एक गलती और पूरे देश में Viral राजस्थान बजट...बाद में माफी मांगी

हिंडनबर्ग ने लगाया था अदाणी समूह पर धोखाधड़ी का आरोप
हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट जारी कर अदाणी समूह पर स्टॉक में हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। इसके बाद पिछले सप्ताह अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट आई थी। अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग को अनैतिक शॉर्ट सेलर कहा था और बताया था कि इसकी रिपोर्ट झूठी है। 29 जनवरी को अदाणी समूह ने 413 पन्नों की रिपोर्ट में कहा था कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट किसी खास कंपनी पर नहीं, बल्कि भारत के विकास की कहानी और महत्वाकांक्षाओं पर सुनियोजित हमला है।

यह भी पढ़ें- राजस्थान बजट की गलती से इस सीनियर IAS की नौकरी खतरे में पड़ी, उल्टा पड़ गया जादूगर गहलोत का जादू