सार
उच्चतम न्यायालय के कड़े आदेशों के बावजूद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाये जाने की घटनाओं में कोई कमी नहीं देखी गई। इस बीच, केंद्र ने मंगलवार को उत्तर भारत में प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा की।
नई दिल्ली/ चंडीगढ़. दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ और ‘बेहद खराब’ श्रेणी के बीच बनी हुई है। इस बीच, केंद्र ने मंगलवार को उत्तर भारत में प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा की। वहीं, उच्चतम न्यायालय के कड़े आदेशों के बावजूद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाये जाने की घटनाओं में कोई कमी नहीं देखी गई। उच्चतम न्यायालय द्वारा पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाए जाने पर तत्काल पूरी रोक लगाए जाने के शीर्ष न्यायालय के आदेश के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा की।
पंजाब में जारी है पराली को जलाना
गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण में पराली जलाये जाने की 46 फीसदी भूमिका है। पंजाब में सर्दियों के मौसम में सर्वाधिक पराली जलाए जाने की घटना दर्ज की गई। उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुए पराली जलाए जाने की 6,668 घटनाएं दर्ज की गईं। पंजाब दूरस्थ संवेदी केंद्र द्वारा एकत्र किए गए उपग्रह डेटा के अनुसार, संगरूर और बठिंडा सबसे अधिक प्रभावित जिले रहे। वहां एक दिन में पराली जलाए जाने की क्रमश: 1,007 और 945 की घटनाएं दर्ज की गईं।
पीएम ने की बैठक
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में प्रदूषण के कारण उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की गई।’’ प्रदूषण पर यह बैठक रविवार और सोमवार को दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के शीर्ष अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा द्वारा आयोजित समीक्षा बैठकों के बाद हुई। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा द्वारा की गई समीक्षा बैठक में पाया गया कि पंजाब और हरियाणा में पराली का जलाया जाना अब भी जारी है।
निगरानी दलों की होगा तैनाती
पीएमओ के एक बयान में कहा गया है कि राज्यों को न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करने वालों को दंडित करने के लिए कहा गया है। बयान में कहा गया, ‘‘यह देखा गया कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने के मामले अभी भी जारी हैं और इसके लिए और अधिक ध्यान देकर कार्रवाई करने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि अब राज्यों को निर्देश दिया गया है कि खेतों में अधिक संख्या में निगरानी दलों की तैनाती की जाए ताकि उल्लंघन करने वालों को उचित दंड देकर सबक सिखाया जा सके।
प्रदूषण के स्तर में आई है गिरावट
पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में गिरावट के कारण उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को तीन राज्यों - पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को बुधवार को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा था। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्य सचिव को भी तलब किया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार को हवा की गति बढ़ने से पिछले एक सप्ताह से जारी प्रदूषण के खतरनाक स्तर में कुछ कमी आयी और अगले कुछ दिनों में वायु गुणवत्ता में थोड़ी बेहतरी की संभावना है।
तेज हवाओं से मिली राहत
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, सुबह नौ बजकर 45 मिनट पर सूचकांक 365 दर्ज किया गया जबकि दोपहर बाद तीन बजकर 45 मिनट पर यह 331 दर्ज हुआ। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के ग्रेटर नोएडा (348), नोएडा (358) गाजियाबाद (351), फरीदाबाद में (311) और गुड़गांव में (328) भी वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है। मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हवाओं ने प्रदूषकों को तेजी से छितरा दिया है।