सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोनिया गांधी ने पत्र लिखकर कुल 9 मुद्दों पर चर्चा की मांग की है। अब केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोनिया गांधी को जवाबी लेटर लिखा है। आइए जानते हैं कि प्रल्हाद जोशी ने पत्र में क्या लिखा है।

Pralhad Joshi Letter To Sonia Gandhi. कांग्रेस पार्टी की पूर्व प्रेसीडेंट सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कुल 9 मुद्दों पर चर्चा की डिमांड की है। संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होने वाला है और इसी दौरान सोनिया गांधी ने केंद्र राज्य संबंधों, सांप्रदायिकता, चीन के साथ सीमा विवाद और मणिपुरी की स्थिति जैसे कुल 9 विषयों पर चर्चा की मांग कर दी। इसके जवाब में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोनिया गांधी को जवाब दिया है। उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि आप अनावश्यक विवाद क्यों पैदा करना चाहती हैं।

प्रल्हाद जोशी ने सोनिया गांधी को क्या लिखा

प्रल्हाद जोशी ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि 18 सितंबर 2023 से संसद का विशेष सत्र के संबंध में प्रधानमंत्री को लिखे पत्र का संदर्भ लें। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप संसद, हमारे लोकतंत्र के मंदिर के कामकाज का भी राजनीतिकरण करने और जहां कोई विवाद नहीं है, वहां अनावश्यक विवाद उत्पन्न करने का प्रयास कर रही हैं। आपको जानकारी होगी कि अनुच्छेद 85 के तहत सैंवैधानिक जनादेश का पालन करते हुए संसद सत्र नियमित आयोजित किए जाते हैं। राष्ट्रपति समय-समय पर संसद के प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर जो वह ठीक समझें अधिवेशन के लिए आहूत करेगा। लेकिन एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के लिए नियत तारीख के बीच 6 महीने का अंतर नहीं होगा।

इसलिए बुलाया गया है संसद का विशेष सत्र

प्रल्हाद जोशी ने आगे लिखा कि पूर्ण रूप से स्थापित प्रक्रिया का पालन करते हुए ही संसदीय कार्य संबंधी मंत्रिमंडल समिति के अनुमोदन के बाद ही राष्ट्रपति महोदया द्वारा 18 सितंबर से आरंभ होने वाले संसद सत्र को बुलाया गया है। शायद आपको परंपराओं की ओर ध्यान नहीं दिया है। संसद सत्र बुलाने से पहले न कभी राजनैतिक दलों से चर्चा की जाती है और न ही कभी मुद्दों पर चर्चा की जाती है। संसद का सत्र आरंभ होने के बाद ही सभी दलों के साथ बैठकें की जाती हैं। अंत में कहा गया कि मुझे पूरा विश्वास है कि संसद की गरिमा बनी रहेगी और इस मंच का उपयोग राजनीतिक विवादों के लिए नहीं किया जाएगा।

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