सार

प्रशांत किशोर ने 2024 के चुनाव में बीजेपी को हराने का अपना फॉर्मूला पेश किया है। उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए विपक्ष के सभी दलों को मिलकर अपने नेता का चुनाव करना चाहिए।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) अब मात्र दो साल दूर है। चुनाव से पहले जहां विपक्ष में बिखराव दिख रहा है। वहीं, कांग्रेस इतनी ताकत नहीं जुटा पाई है कि विपक्ष के सभी दल उसके साथ मिलकर चलने को तैयार दिखे। इस बीच तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अभी कोई यूपीए नहीं है। 

लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के अलग-अलग सुर के बीच आई-पैक नाम से पॉलीटिकल कंसलटेंसी चलाने वाले प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए 2024 के चुनाव में बीजेपी को हराने का अपना फॉर्मूला पेश किया है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए विपक्ष के सभी दलों को मिलकर अपने नेता का चुनाव करना चाहिए। पूरे विपक्ष का मतलब कांग्रेस नहीं है। विपक्ष में दूसरी पार्टियां भी हैं। सभी को मिलकर तय करना चाहिए कि लीडर कौन हो। 

एक चेहरा, एक विचार जरूरी
प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा के खिलाफ सिर्फ बहुत सारी पार्टियों के एक साथ आने से कुछ नहीं होगा। असम में महागठबंधन बना, लेकिन हार हुई। 2017 में उत्तर प्रदेश में हुए चुनाव में सपा-बसपा और अन्य पार्टियां साथ थी, लेकिन बीजेपी जीत गई। भाजपा को हराने के लिए सबको एक करने वाला चेहरा चाहिए, एक विचार होना चाहिए। इसके बाद आंकड़ों और मशीनरी का नंबर आता है। 

प्रशांत ने कहा कि कोई पार्टी अकेले बीजेपी को चुनौती नहीं दे सकती। देश में प्रभावी विपक्ष के लिए कांग्रेस जरूरी है, लेकिन पार्टी की मौजूदा स्थिति ऐसी नहीं है। मौजूदा कांग्रेस लीडरशिप के साथ कांग्रेस ने कुछ अच्छा नहीं किया है। कांग्रेस पार्टी अकेले पूरा विपक्ष नहीं है। और भी बहुत सारी पार्टियां हैं। सबको मिलकर तय करना चाहिए कि विपक्ष का नेता कौन होगा। 

कांग्रेस को बदलना चाहिए स्ट्रक्चर
कांग्रेस की स्थिति पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि इसे अपना स्ट्रक्चर बदलना चाहिए। कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी तीन साल से अंतरिम अध्यक्ष के साथ चल रही है, क्या यह सही कदम है? फुलटाइम प्रेसिडेंट होना चाहिए। जब आप चुनाव जीतते हैं तो इसका क्रेडिट लेते हैं, हार पर आपको हट जाना चाहिए और दूसरे को मौका देना चाहिए। प्रशांत ने कहा कि मैं राहुल गांधी की बात नहीं कर रहा हूं। मैं उस लीडरशिप के बारे में बात कर रहा हूं जिसकी अगुआई में पिछले 10 साल से कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। इस दौरान पार्टी 90 फीसदी चुनाव हारी है।

 

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