सार

ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर की बेटी आशना को ट्विटर पर 'WOKE', 'एंटी बीजेपी' और ऐसे चुभने वाले कई अन्य शब्द कहकर इस कदर ट्रोल किया गया कि उसे अपना ट्विटर अकाउंट बंद करना पड़ा। 

नई दिल्ली। 17 साल की उम्र में पिता ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर (LS Lidder) को खोने वाली आशना को ट्विटर पर 'WOKE', 'एंटी बीजेपी' और ऐसे चुभने वाले कई अन्य शब्द कहकर इस कदर ट्रोल किया गया कि उसे अपना ट्विटर अकाउंट बंद करना पड़ा। ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर तमिलनाडु के कुन्नूर में हादसे का शिकार हुए उसी हेलिकॉप्टर में सवार थे, जिसमें सीडीएस बिपिन रावत और अन्य लोग बैठे थे। बुधवार को हुए हादसे में एलएस लिड्डर की भी मौत हो गई थी। 

ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर सीडीएस बिपिन रावत के रक्षा सलाहकार थे। इंटरमीडिएट की छात्रा आशना एलएस लिड्डर की इकलौती संतान हैं। आशना को भाजपा विरोधी विचार रखने के लिए ट्विटर पर लगातार ट्रोल किया गया। बता दें कि Woke का मतलब जागा हुआ, जागृत, चैतन्य या जिसकी अपनी सोच समझ हो है। यह कोई निगेटिव टर्म नहीं है, लेकिन सोशल मीडिया में इन दिनों इस शब्द का काफी इस्तेमाल चिढ़ाने के लिए हो रहा है। राइट विंग कैटेगरी के लोग लिबरल या सेकुलर जमात के लोगों को चिढ़ाने के लिए उन्हें Woke कहते हैं।

आशना के ट्वीट का स्क्रीनशॉट वायरल 
ट्विटर पर आशना के एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। इसमें आशना ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा था और उन्हें पहले राज्य में मच रहे उत्पाद को ठीक करने को कहा था। आशना ने यह ट्वीट योगी आदित्यनाथ द्वारा कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के खिलाफ किए गए ट्वीट के बाद किया था। 

उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कार चढ़ा दिया गया था। इस घटना के बाद प्रियंका गांधी पीड़ित परिजनों से मिलने लखीमपुर खीरी जा रहीं थी तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। हिरासत में रखे जाने के दौरान प्रियंका झाड़ू लगाती दिखी थी। इसपर योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जनता ने प्रियंका को इसी लायक छोड़ा है। इस पर आशना ने ट्वीट किया था कि जब सोकर उठी तो योगी आदित्यनाथ विपक्ष को नजरअंदाज कर रहे थे। मैं समझ गई हूं, ये राजनीति है, लेकिन बहुत ही खराब है। यह कहना सही नहीं है कि वह केवल फर्श साफ करने लायक ही रह गईं हैं। योगी पहले यूपी में मच रहे उत्पाद को ठीक करें।

कई नेताओं और पत्रकारों ने किया समर्थन
आशना ने अपना ट्विटर अकाउंट डिएक्टिवेट कर लिया तो कई नेताओं और पत्रकारों ने उसका समर्थन किया और ट्रोल्स पर निशाना साधा। शिवसेना नेता और राज्य सभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया ’17 साल की लड़की, इस दुख में भी हिम्मत रखे हुए है। उसने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया है। वह एक शानदार आर्मी ऑफिसर थे। उसे अपने विचारों को लेकर ट्रोल किया जा रहा है। इस कारण उसे अपना अकाउंट डिलीट करना पड़ा। आप कितना नीचे गिरेंगे।’

आउट ऑफ स्टॉक हुई आशना की किताब
दूसरी ओर आशना द्वारा लिखी गई किताब 'इन सर्च ऑफ अ टाइटल- म्यूजिंग ऑफ अ टीनेजर' लोगों के बीच इतनी पसंद की गई है कि आउट ऑफ स्टॉक हो गई है। आशना की किताब पिता के निधन के बाद 8 दिसंबर को प्रकाशित हुई। किताब एक टीनेजर की जर्नी और उसकी सोच और सीखने पर आधारित है। प्रकाशक अब इस किताब की और कॉपियां पब्लिश करने जा रहे हैं।

 

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