सार
105 साल की उम्र में केरल राज्य साक्षरता मिशन(KSLM) द्वारा आयोजित चौथी कक्षा की समकक्ष परीक्षा पास करने वालीं भगीरथी अम्मा नहीं रहीं। उनके निधन पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक जताया है।
तिरुवनंतपुर. भारतीय नारी की शक्ति और अथक ऊर्जा का प्रतीक केरल की 107 वर्षीय भगीरथी अम्मा का गुरुवार रात निधन हो गया। उनके निधन पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक जताया है। 105 साल की उम्र में केरल राज्य साक्षरता मिशन(KSLM) द्वारा आयोजित चौथी कक्षा की समकक्ष परीक्षा पास करने के बाद भगीरथी अम्मा मीडिया में छा गई थीं। उन्होंने 275 में से 205 अंक प्राप्त करके रिकॉर्ड बनाया था। गणित में तो उन्हें पूरे नंबर मिले थे। हालांकि उम्रदराज होने से उन्हें लिखने में दिक्कत आ रही थी। उन्होंने पर्यावरण, गणित और मलयालम के तीन प्रश्नों को तीन दिनों में पूरा किया था।
उन्हें पारिवारिक परेशानियों के चलते 9 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। लेकिन पढ़ाई को लेकर उनका जज्बा कभी खत्म नहीं हुआ। 105 साल की उम्र में उन्होंने अपना यह सपना साकार किया।
मन की बात में प्रधानमंत्री ने किया था जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में अम्मा का जिक्र किया था। अम्मा 10वीं का एग्जाम पास करना चाहती थीं, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका। उनके परिवार में 12 नाती-पोते और परनाती-परपाते हैं। उनके 6 बच्चों में से एक और 3 पोते-पोतियां अब इस दुनिया में नहीं हैं। महिला सशक्तिकरण की मिसाल अम्मा को सरकार ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने शोक संदेश में लिखा-दिवंगत भगीरथी अम्मा एक प्रेरणा थीं। उन्होंने हमें दिखाया कि सीखने की खोज कभी खत्म नहीं होती। उम्र के साथ उसका ज्ञान बढ़ता गया। मैं उनकी महानता को सलाम करता हूं। उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से मान्यता मिली थी। वे भारतीय महिलाओं की अथक ऊर्जा की प्रतीक हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Tweet किया-मैं आदरणीय भगीरथी अम्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनकी जीवन यात्रा से बहुत कुछ सीखने को मिला है, विशेष रूप से नई चीजें सीखने के प्रति उनके चिरस्थायी जुनून से। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। शांति।