सार
निर्भया केस में दोषियों के फांसी पर सस्पेंस बना हुआ है। चारों में से एक दोषी मुकेश ने क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद दया याचिका लगाई। जेल प्रशासन से दया याचिका दिल्ली सरकार फिर वहां से उपराज्यपाल और फिर उपराज्यपाल से गृह मंत्रालय के पास पहुंच गई है।
नई दिल्ली. निर्भया केस में दोषियों के फांसी पर सस्पेंस बना हुआ है। चारों में से एक दोषी मुकेश ने क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद दया याचिका लगाई। जेल प्रशासन से दया याचिका दिल्ली सरकार फिर वहां से उपराज्यपाल और फिर उपराज्यपाल से गृह मंत्रालय के पास पहुंच गई है। अब गृह मंत्रालय से दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी जाएगी। एलजी ने दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश की है। नियम के मुताबिक, जब तक दया याचिका पर राष्ट्रपति का फैसला नहीं आ जाता, तब तक दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकती है।
क्या होती है दया याचिका?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 72 के मुताबिक राष्ट्रपति फांसी की सजा को माफ कर सकते हैं। इसके अलावा फांसी को स्थगित या फिर कम करने या उसमें बदलाव कर सकते हैं। ऐसे में पूरे देश की नजर राष्ट्रपति पर है कि वह दोषी मुकेश की दया याचिका पर क्या फैसला लेते हैं।
दोषी विनय ने 2015 में बीए में दाखिला लिया
निर्भया के चारों दोषियों ने हत्याकांड के तीन साल बाद जेल में पढ़ाई शुरू की। दोषी विनय ने 2015 में बीए में दाखिला लिया। 2016 में मुकेश, पवन और अक्षय ने ओपन स्कूल में दसवीं में दाखिला लिया।
फेल होने पर सभी ने पढ़ाई छोड़ दी
पढ़ाई के बाद तीनों ने परीक्षा भी दी, लेकिन पास नहीं हो पाए। उसके बाद सभी ने पढ़ाई छोड़ दी। जेल सूत्रों के मुताबिक विनय ने पेंटिंग में हाथ आजमाया था, लेकिन उसमें भी कामयाब नहीं हो पाया।
दोषी मुकेश ने दो बार मां से मुलाकात की
दोषी मुकेश ने जनवरी में दूसरी बार अपनी मां से मुलाकात की। मां ने बेटे मुकेश से उसके केस के बारे में पूछा था। दोनों के बीच करीब आधे घंटे की मुलाकात की।
पिता को देख रोने लगा दोषी विनय
निर्भया के दोषी हफ्ते में दो बार अपने परिवार से मिल सकते हैं। मंगलवार को विनय ने अपने पिता से मुलाकात की थी।
दोषी अक्षय से मिलने आई थी पत्नी
जेल अधिकारियों के मुताबिक, दोषियों ने अपने परिवार से अंतिम मुलाकात के बारे में कोई बात नहीं की है। नवंबर के बाद से दोषी अक्षय ने अपने परिवार से मुलाकात नहीं की है। नवंबर में उसकी पत्नी जेल में मिलने आई थी। हालांकि वह फोन पर परिवार के लोगों से बात करता रहता है।
क्या है निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।