सार
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को संसद में केंद्रीय बजट 2022 (Central Budget 2022) पेश किया।
बिजनेस डेस्क: केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को संसद में केंद्रीय बजट 2022 (Central Budget 2022) पेश किया। आम बजट में इस बार रेल बजट के तहत बड़ा ऐलान किया है। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, 400 नई वंदे मातरम ट्रेंनें (vande matram trains) चलाई जाएगी।
वित्त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा, 400 नई तकनीक से लेस वंदेभारत ट्रेनें अगले 3 साल के दौरान शुरू कर दी जाएंगी। इसके अलावा 100 प्रधानमंत्री गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल (Prime Speed Shakti Cargo Terminal) भी इस दौरान विकसित किए जाने की योजना है। इसके साथ ही मेट्रो सिस्टम को हाइटेक करने के लिए नए-नए इनोवेटिव रास्ते अपनाए जाएंगे।
25,000 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार
वित्त मंत्री ने अहम घोषणा करते हुए बजट 2022 में राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार को लेकर अहम घोषणा की। बजट 2022 के तहत 25,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार किया जाएगा।
सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने पर जोर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा, "शहरी क्षेत्र निर्माण में केंद्र सरकार राज्यों की मदद करेगी। शहरों में सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाएगा। सार्वजनिक वाहनों को बढ़ावा देने पर सरकार का जोर रहेगा। शून्य जीवाश्व ईंधन वाले विशेष जोन बनाए जाएंगे। लोगों और सामानों की तेज आवाजाही की सुविधा के लिए 2022-23 में एक्सप्रेसवे के लिए पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।"
वित्त मंत्री ने कहा, "पीएम गति शक्ति सात इंजनों द्वारा संचालित होती है जिनमें सड़क, रेलवे, बंदरगाह, हवाई अड्डे, बंदरगाह, जन परिवहन, जलमार्ग, रसद बुनियादी ढांचा शामिल है। सभी 7 इंजन ऊर्जा संचरण, आईटी संचार, थोक पानी और सीवरेज और सामाजिक बुनियादी ढांचे द्वारा समर्थित अर्थव्यवस्था को एक साथ आगे बढ़ाएंगे।"
वित्त मंत्री ने कहा, "नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन में परियोजनाएं सात इंजनों से संबंधित हैं जिन्हें पीएम गति शक्ति फ्रेमवर्क के साथ जोड़ा जाएगा। राष्ट्रीय, बुनियादी ढांचा पाइपलाइन में परियोजनाएं जो सात इंजनों से संबंधित हैं जिन्हें पीएम गति शक्ति फ्रेमवर्क के साथ जोड़ा जाएगा। मास्टर प्लान का टचस्टोन विश्व स्तर के आधुनिक बुनियादी ढांचे, आंदोलन के विभिन्न तरीकों और परियोजनाओं के स्थान के बीच रसद तालमेल होगा।"
संसद के केंद्रीय बजट सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से 11 फरवरी तक और बजट सत्र का दूसरा भाग 14 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा।
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पिछले बजट से जुड़ी खास बातें-
ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार के लिए पिछली बार कई योजनाओं की घोषणा की गई थी। जिनके मुख्य बिंदु कुछ इस प्रकार हैं।
-रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई थी, जिसमें से 1,07,100 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए थे।
-भारत के लिए राष्ट्रीय रेल योजना (2030): 2030 तक भविष्य के लिए तैयार रेल व्यवस्था बनाने के लिए दिसम्बर, 2023 तक ब्रॉड-गेज मार्गों पर शत-प्रतिशत विद्युतिकरण पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया था।
-पिछले बजट में ब्रॉड-गेज मार्ग किलोमीटर विद्युतिकरण 2021 के अंत तक 72 प्रतिशत यानी 46,000 आकेएम तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया था।
-पश्चिमी समर्पित भाड़ा कॉरिडोर और पूर्वी डीएफसी को जून 2022 तक चालू करना तय किया गया था। इसके पीछे परिवहन लागत को कम करने और मेक इन इंडिया की रणनीति को समर्थ बनाना लक्ष्य था।
-पिछले बजट में पूर्वी डीएफसी का सोननगर–गोमो खण्ड (263.7 किमी) पीपीपी मोड में शुरू किए जाने की घोषणा की गई थी।
-बजट में यात्रियों की सुगमता और सुरक्षा के उपाय को लेकर भी घोषणा की गई थी।
-यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव देने के लिए पर्यटक रूटों पर सौन्दर्यपरक रूप से डिजाइन किए गए बिस्टाडोम एलएचवी कोच का आरंभ करने की घोषणा की गई थी।
-भारतीय रेलवे के उच्च घनत्व नेटवर्क और उच्च उपयोग किए जाने वाले नेटवर्क रूटों को स्वचालित ट्रेन संरक्षण प्रणाली प्रदान की गई थी। इसके पीछे उद्देश्य था, मानवीय त्रुटि के कारण ट्रेनों के टकराने जैसी दुर्घटनाओं को रोकना।
-इन सबके अलावा कई कॉरिडोर परियोजनाओं की भी घोषणा की गई थी। जो इस प्रकार हैं।
खड़गपुर से विजयवाड़ा तक पूर्वी तट कॉरिडोर
भुसावल से खड़गपुर से दानकुनी तक पूर्वी-पश्चिमी कॉरिडोर
इटारसी से विजयवाड़ा तक उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर
शहरी अवसंरचना
-सरकार ने मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार करके और सिटी बस सेवा प्रारंभ कर शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाने की दिशा में काम करने की घोषणा की थी।
-वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि सार्वजनिक बस परिवहन सेवाओं का विस्तार करने के लिए 18,000 करोड़ रुपये की लागत से एक नई योजना शुरू करने की घोषणा की गई थी। इसके तहत नवोन्मेषी पीपीपी मॉडल लागू किया गया था, जिसके तहत निजी क्षेत्र के परिचालकों को 20,000 से ज्यादा बसों की खरीद, परिचालन, रख-रखाव और वित्त का प्रबंधन करने का अवसर देना का वादा किया था।