सार

राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट बगावती सुर दिखा चुके हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि वे अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में काम करने के पक्ष में नहीं है। जब से सीएम और डिप्टी सीएम के बीच अनबन की खबरें आई हैं, लोग सचिन को दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया मानने लगे हैं।

राजस्थान. राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट बगावती सुर दिखा चुके हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि वे अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में काम करने के पक्ष में नहीं है। जब से सीएम और डिप्टी सीएम के बीच अनबन की खबरें आई हैं, लोग सचिन को दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया मानने लगे हैं। लेकिन सवाल ये है कि क्या पायलट राजस्थान को मध्यप्रदेश बनाने में कामयाब हो पाएंगे? आईए देखते हैं क्या कहता है सीटों का गणित?

विधानसभा की मौजूदा स्थिति क्या है?
विधानसभा की मौजूदा स्थिति देखें तो अभी माहौल कांग्रेस के पक्ष में है। हालांकि, मध्यप्रदेश की तरह कांग्रेस राजस्थान को हल्के में लेने की भूल नहीं कर सकती। राजस्थान में कांग्रेस के पास निर्दलीय और अन्य को मिलाकर 120 का समर्थन प्राप्त है। वहीं, भाजपा के पास 72 विधायक हैं। उसे 8 अन्य विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है।

कैसे राजस्थान बन सकता है मध्यप्रदेश?
मध्यप्रदेश में सिंधिया के साथ 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया था। इसके बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी। जब बात राजस्थान की करते हैं तो यहां यह इतना आसान नहीं दिखता। कांग्रेस के पास अभी 120 विधायक (107 कांग्रेस और 13 अन्य) हैं। लेकिन पायलट ने अपने साथ 30 विधायक होने का दावा किया है। ऐसे में अगर ये विधायक इस्तीफा दे देते हैं, तो खुद वा खुद इनकी सदस्यता चली जाएगी। इसके बाद कांग्रेस के पास 77 विधायक बचेंगे। लेकिन गहलोत सरकार बची रहेगी। 

अब अगर इन विधायकों के इस्तीफे के बाद कुछ निर्दलीय विधायक भी टूट जाते हैं तो कांग्रेस की सरकार बहुमत खो सकती है। 

कैसे बनेगी भाजपा की सरकार?
अगर कांग्रेस के 30 विधायक इस्तीफा देते हैं तो सदन की कुल संख्या 170 रह जाएगी। ऐसे में बहुमत के लिए आंकड़ा 101 से कम होकर 86 पर आ जाएगा। भाजपा के पास 72 विधायक हैं। वह निर्दलीय और अन्य की सहायता से सरकार बना सकती है। जैसा मध्यप्रदेश में हुआ था।